MHADA का बड़ा कदम: मुंबई में भूस्खलन से सुरक्षा के लिए लोहे की जालियां लगाई जाएंगी

मुंबई में बारिश का मौसम और सुरक्षा उपाय
मुंबई समाचार: जैसे ही मुंबई में बारिश की पहली बूंदें गिरती हैं, लोगों के चेहरे पर खुशी आ जाती है, लेकिन कई बस्तियों में भूस्खलन का खतरा चिंता का विषय बन जाता है। इस समस्या से निपटने के लिए, महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। MHADA ने मुंबई की बस्तियों में सुरक्षा के लिए लोहे की जालियां लगाने का निर्णय लिया है और इसके लिए 5 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है।
भूस्खलन संभावित स्थानों की पहचान
249 स्थानों की पहचान
MHADA ने मुंबई और उसके उपनगरों में 249 भूस्खलन संभावित स्थानों की पहचान की है। इनमें से 85 स्थानों पर पहले से ही सुरक्षात्मक दीवारें स्थापित की जा चुकी हैं, जबकि 14 स्थानों पर कार्य तेजी से चल रहा है। वर्तमान में, MHADA 10 अत्यधिक संवेदनशील स्थानों पर स्टील की मजबूत जालियां लगाने का कार्य कर रहा है, ताकि भूस्खलन के दौरान मिट्टी खिसकने से बस्तियों को नुकसान न पहुंचे।
हाई-रिस्क जोन में जालियों का कार्य
इन 10 हाई-रिस्क जोन में रही जालियां
- गुरुनानक एरिया (एसबीएस रोड)
- जरीमरी, साकीनाका (कुर्ला)
- हबीब नगर (अंधेरी)
- शांताराम तलाव (दिंडोशी)
- टाइम्स इंडिया बिल्डिंग के पीछे (कांदिवली)
- आदर्श चॉल (कांदिवली)
- उपाध्याय नगर (अंधेरी)
- रामगृह, श्रीराम मंदिर, श्री वैष्णव आश्रम (जोगेश्वरी)
- काकड़ इस्टेट, सिद्धार्थ नगर (वरली)
- वाड़ी बंदर (डॉकयार्ड)
जालियों की विशेषताएँ
क्यों खास हैं ये जालियां?
पहले केवल सीमेंट की दीवारों का उपयोग किया जाता था, लेकिन अब लोहे की जालियां तेजी से लगाई जा सकती हैं। ये जालियां लचीली होती हैं और मिट्टी को गिरने से रोकने में अत्यधिक प्रभावी हैं। इसके अलावा, इनका रखरखाव भी आसान और सस्ता है।
MHADA की पहल
MHADA के उपाध्यक्ष संजीव जयस्वाल ने बारिश से पहले संभावित खतरों की पहचान करते हुए अधिकारियों को ‘इमरजेंसी एक्शन मोड’ में काम करने का निर्देश दिया है। झोपड़पट्टी सुधार मंडल के माध्यम से पहले चरण का कार्य शुरू हो चुका है।