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Mohan Bhagwat का विजयदशमी पर सुरक्षा और एकता का संदेश

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने विजयदशमी के अवसर पर नागपुर में आयोजित समारोह में सुरक्षा और एकता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने हालिया पहलगाम हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि यह घटना हमें मित्र और शत्रु की पहचान करने में मदद करती है। भागवत ने देशवासियों को सतर्क रहने और एकजुट रहने की प्रेरणा दी। जानें उनके संबोधन की मुख्य बातें और सुरक्षा के प्रति सजग रहने की आवश्यकता।
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Mohan Bhagwat का विजयदशमी पर सुरक्षा और एकता का संदेश

आरएसएस का स्थापना दिवस समारोह

Mohan Bhagwat speech: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने विजयदशमी के अवसर पर नागपुर में एक भव्य समारोह का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन में देश की सुरक्षा और हाल ही में हुए पहलगाम हमले का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस घटना ने नागरिकों को यह समझने में मदद की कि कौन हमारे मित्र हैं और कौन शत्रु।


सुरक्षा के प्रति सतर्कता

मोहन भागवत ने सभा में कहा कि भारत को हमेशा अपनी सुरक्षा के प्रति सजग रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि पहलगाम हमले जैसी घटनाएं हमें न केवल सैन्य शक्ति का परिचय देती हैं, बल्कि सामाजिक एकता का भी महत्व समझाती हैं।


पहलगाम हमले पर प्रतिक्रिया

उन्होंने याद दिलाया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में सीमा पार से आए आतंकवादियों ने 26 भारतीय पर्यटकों की हिंदू धर्म के बारे में पूछकर हत्या कर दी। इस हमले ने पूरे देश में शोक और आक्रोश की लहर पैदा की।


मित्र और शत्रु की पहचान

आरएसएस प्रमुख ने कहा, "यह घटना हमें यह सिखाती है कि हमें सभी के प्रति मित्रवत रहना चाहिए, लेकिन अपनी सुरक्षा को लेकर सजग रहना आवश्यक है। इस घटना के बाद हमने कई देशों का रुख देखा, जिसने हमें यह समझने में मदद की कि कौन हमारा मित्र है और कौन दुश्मन।"


मोहन भागवत का यह संदेश न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व को उजागर करता है, बल्कि देशवासियों को एकजुट रहने और सतर्क रहने की प्रेरणा भी देता है।