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NALSA की नई योजना: सैनिकों के परिवारों के लिए कानूनी सहायता

NALSA ने भारतीय सैनिकों और उनके परिवारों के लिए एक ऐतिहासिक कानूनी सहायता योजना की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य सैनिकों को कानूनी समस्याओं से मुक्त करना है, ताकि वे अपनी पूरी ऊर्जा देश की सुरक्षा में लगा सकें। योजना के तहत, सीमा पर तैनात जवानों के पारिवारिक कानूनी मामलों का समाधान NALSA द्वारा किया जाएगा। यह सहायता BSF, CRPF, ITBP जैसे अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को भी मिलेगी। जानें इस योजना के लाभ और प्रक्रिया के बारे में।
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NALSA की नई योजना: सैनिकों के परिवारों के लिए कानूनी सहायता

NALSA वीर परिवार सहायता योजना 2025 का शुभारंभ

नई दिल्ली - भारतीय सैनिकों और उनके परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के तहत NALSA वीर परिवार सहायता योजना 2025 की शुरुआत की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सैनिकों को कानूनी समस्याओं से मुक्त करना है, ताकि वे अपनी पूरी ऊर्जा देश की सुरक्षा में लगा सकें।


सीमा पर तैनात सैनिकों के पारिवारिक कानूनी मामलों का समाधान NALSA द्वारा अदालतों में किया जाएगा। यह सहायता BSF, CRPF, ITBP जैसे अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को भी उपलब्ध होगी। इस योजना का मूल संदेश है: 'आप सीमाओं पर देश की सेवा करें, हम आपके परिवार का ध्यान रखेंगे।' इस ऐतिहासिक योजना का उद्घाटन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष और भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने किया। इस अवसर पर केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी उपस्थित थे। इस योजना की प्रेरणा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सैनिकों के साहस और बलिदान से मिली।


राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण अब सैनिकों और उनके परिवारों को देश के किसी भी हिस्से में कानूनी प्रतिनिधित्व प्रदान करेगा। यदि कोई जवान लद्दाख या सियाचिन में तैनात है और उसके गृह राज्य में भूमि विवाद का मामला चल रहा है, तो उसे अब अदालत में पेश होने के लिए छुट्टी लेने की आवश्यकता नहीं होगी। NALSA का नेटवर्क इस मामले को संभालेगा और प्रत्येक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (SLSA) को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।


किसे मिलेगा लाभ?
भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के जवान
अर्धसैनिक बलों के कर्मी: BSF, CRPF, ITBP, CISF आदि
शहीदों के परिवार और रिटायर्ड सैनिक भी आवश्यकता पड़ने पर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
जरूरत पड़ने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सैनिकों के बयान भी लिए जाएंगे।
घरेलू हिंसा, भूमि विवाद, पारिवारिक विवाद जैसे मामलों में प्राथमिकता दी जाएगी।