कानपुर पुलिस को नाजिया खान ने बताया झूठा, हर मदद के बदले भुगतान का किया दावा
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ओम प्रकाश सिंह
कोलकाता/कानपुर, 25 फरवरी (हि.स.) । कोलकाता/कानपुर, 25 फरवरी (हि.स.) । प्रसिद्ध अधिवक्ता नाजिया इलाही खान, जो सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए सक्रिय हैं, कानपुर के पास हुई एक सड़क दुर्घटना में बाल-बाल बच गईं। वे सोशल मीडिया में नाजिया खान इलाही ‘सनातनी’के नाम से पहचानी जाती हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में एक भावनात्मक पोस्ट डालते हुए दावा किया था कि दिल्ली से प्रयागराज जाते समय एटा से ही कुछ मुस्लिम लोग उनकी कार का पीछा करने लगे। इसके चलते उनकी कार का एक्सीडेंट हुआ, जिसमें प्रियंका चतुर्वेदी नामक उनकी एक सहयोगी बुरी तरह घायल हो गई हैं। उनका सर फट गया है और उन्होंने लोगों से अपील भी की कि लोग उसके लिए दुआ करें।
सोशल मीडिया पर यह पोस्ट वायरल होने के बाद कानपुर देहात पुलिस की ओर से लिखित रूप से और अकबरपुर क्षेत्र की क्षेत्राधिकारी ने एक वीडियो जारी कर कहा कि वाहन चालक को नींद आ जाने के चलते हुई यह एक महज सड़क दुर्घटना थी। इसे बेवजह सनसनी पैदा करने के लिए बाद में दूसरी तरह से प्रस्तुत किया गया है। कानपुर पुलिस ने अपील की कि वह इसकी जांच कर रही है लेकिन तब तक भ्रम पैदा कर माहौल न खराब किया जाए। कानपुर देहात पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दुर्घटना होने के बाद नाजिया खान ने पुलिस के सहयोगात्मक रवैये की प्रशंसा की थी और किसी प्रकार की कोई लिखित शिकायत आदि नहीं दी थी।
दूसरी तरफ नाजिया इलाही खान ने पुलिस के इस दावे को झूठा करार दिया। उन्होंने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ से विशेष बातचीत में कहा कि पुलिस ने किसी भी तरह की मदद नहीं की, बल्कि दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी को हटाने के लिए आए टो ट्रक का चार्ज ₹2200 रुपये लिया गया। इसका उन्होंने स्क्रीन शॉट भी उपलब्ध कराया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी बार-बार ड्राइवर से कह रहे थे कि उसे नींद आ गई थी, जबकि ड्राइवर का कहना था कि गाड़ी में जोर-जोर से हनुमान चालीसा बज रहा था और नाजिया ड्राई फ्रूट खिला रही थीं, जिससे नींद आने का सवाल ही नहीं था।
पुलिस ने यह भी दावा किया कि यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए गाड़ी दी गई, लेकिन नाजिया ने बताया कि उन्हें इसके लिए 13 हजार रुपये का भुगतान करना पड़ा। इतना ही नहीं, दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल युवतियों को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस को भी 6.5 हजार रुपए देने पड़े। नाजिया खान ने सभी तरह के भुगतान का स्क्रीन शॉट हिन्दुस्थान समाचार से शेयर किया है। नाजिया इलाही खान ने यह भी आरोप लगाया कि दुर्घटना के बाद मौके पर मौजूद पुरुष पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल महिलाओं को निकालने के लिए मौजूद थे, लेकिन महिला पुलिसकर्मियों की कोई व्यवस्था नहीं की गई। इसके अलावा, नाजिया का बयान तक नहीं लिया गया और न ही पुलिस ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से संपर्क किया।
अधिवक्ता नाजिया इलाही खान ने कहा कि वह बार-बार पुलिस से कानून के तहत काम करने का अनुरोध करती रहीं, लेकिन पुलिस टालमटोल करती रही। यहां तक कि जब घायल युवतियां अस्पताल के लिए रवाना हो गईं, तो पुलिस उन्हें वहीं छोड़कर वापस लौट गई। नाजिया ने कहा कि एटा से उनका पीछा किया जा रहा था। उन्होंने बार-बार पुलिस से अनुरोध किया कि पूरे सफर का सीसीटीवी फुटेज देखा जाए लेकिन पुलिस लगातार यह कहकर टालती रही कि दुर्घटना हो गई है, ड्राइवर सो गया था, जबकि इसमें कोई सच्चाई नहीं थी।नाजिया खान का कहना है कि पुलिस पूरे घटनाक्रम की ठीक से जांच करने के बजाय इसे एक सामान्य सड़क दुर्घटना बनाने की मंशा से ही कार्य कर रही थी। यहां तक कि अस्पताल पहुंचने तक भी उन्होंने किसी महिलाकर्मी को नहीं बुलाया। हाथ के काम न कर पाने की स्थिति में मैं अपना बयान वीडियो पर रिकार्ड करने को कह रही थी, पर वे उसका मजाक बना रहे थे और लिखित तहरीर देने को कह रहे थे। इसके बाद ही मैंने पूरा घटनाक्रम सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के बीच रखा है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर