रेल मंत्री वैष्णव ने एडवांटेज असम 2.0 शिखर सम्मेलन में प्रमुख रेलवे और आईटी पहलों की घोषणा की

गुवाहाटी, 25 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज गुवाहाटी में आयोजित एडवांटेज असम 2.0 निवेश एवं अवसंरचना शिखर सम्मेलन में भाग लिया तथा एक सत्र के दौरान व्याख्यान दिया। इस सत्र के दौरान असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा तथा असम के कई वरिष्ठ मंत्री उपस्थित थे। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव, पूसीरे के महाप्रबंधक (निर्माण) अरुण कुमार चौधरी तथा वरिष्ठ रेल अधिकारी भी उपस्थित थे। रेल मंत्री ने रेलवे तथा आईटी उद्योगों से संबंधित कई नई पहलों और परियोजनाओं की घोषणा की, जो असम में विकास को काफी बढ़ावा प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर भारत के विकास का 'नया इंजन' है।
बोडोलैंड समझौते के तहत एक प्रमुख प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए बोडोलैंड के बांसबारी में एक नया मेगा रेलवे कारखाना स्थापित किया जाएगा, जिससे औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। इसके अतिरिक्त, रेलवे संचालन और अनुरक्षण को बढ़ावा देने के लिए लामडिंग में इंजनों के लिए एक समर्पित मिड-लाइफ पुनर्निर्माण संयंत्र स्थापित की जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि गुवाहाटी रेलवे स्टेशन एक विश्व स्तरीय सुविधा में तब्दील होने के दौर से गुजर रहा है, जिसमें तकनीकी नवाचार और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 12 मंजिला आईटी पार्क शामिल है। असम में अगले 10 महीनों के भीतर दो अमृत भारत ट्रेनें भी शुरू होंगी। इसके अलावा गुवाहाटी से सिलचर और अगरतला के लिए दो नई इंटरसिटी ट्रेन सेवाएं भी शुरू की जाएगी।
रेलवे कनेक्टिविटी और परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चिकन नेक कॉरिडोर के चौगुनी लाइन के निर्माण पर कार्य किया जाएगा। इसके अलावा, कोकराझार-गेलेफू रेल परियोजना भारत और भूटान के बीच एक महत्वपूर्ण रेलवे लिंक स्थापित करेगी, जिससे व्यापार और कनेक्टिविटी में सुविधा मिलेगी। पूरे क्षेत्र में माल परिवहन और लॉजिस्टिक दक्षता को अनुकूलित करने के लिए छह नए गति शक्ति टर्मिनलों को मंजूरी दी गई है।
रेल मंत्री ने यह भी घोषणा की कि असम में सेमीकंडक्टर विनिर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए एक और नए सेमीकंडक्टर हब की योजना के साथ आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों को काफी बढ़ावा मिलने वाला है। इसके अलावा, असम के कामरूप जिले में एक उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण हब विकसित किया जाएगा, जिससे नए रोजगार का सृजन होगा और औद्योगिक विस्तार को बढ़ावा मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पूर्वोत्तर में रेलवे की बुनियादी संरचना परियोजनाओं के लिए सकल बजट आवंटन 10,440 करोड़ रुपये है। यह 2009-14 के दौरान 2,122 करोड़ रुपये के औसत बजट आवंटन की तुलना में 5 गुना से अधिक है।
यह रेलवे और आईटी से संबंधित पहल असम और पूर्वोत्तर में आर्थिक विकास को गति देने, बेहतर कनेक्टिविटी, औद्योगिक उन्नति और रोजगार सृजन सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को प्रमाणित करती हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश