Newzfatafatlogo

NPS में नए नियम: इक्विटी निवेश की सीमा में बदलाव

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में हाल ही में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिसमें इक्विटी निवेश की सीमा को 100% तक बढ़ा दिया गया है। नए नियमों के तहत, सदस्य अपनी पेंशन राशि को विभिन्न योजनाओं में विभाजित कर सकते हैं और 50 या 55 वर्ष की आयु में अपनी पेंशन राशि निकाल सकते हैं। ये परिवर्तन विशेष रूप से पेशेवरों और स्व-रोजगार वाले व्यक्तियों के लिए फायदेमंद होंगे। जानें इन नए नियमों का आपके निवेश पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
 | 
NPS में नए नियम: इक्विटी निवेश की सीमा में बदलाव

NPS में महत्वपूर्ण परिवर्तन


NPS में नए नियम: पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। 1 अक्टूबर 2025 से, गैर-सरकारी NPS सदस्य अपनी पूरी पेंशन राशि का 100% इक्विटी योजनाओं में निवेश कर सकेंगे।


इक्विटी निवेश की सीमा में बदलाव

पहले, इक्विटी में निवेश की अधिकतम सीमा 75% थी, लेकिन नए नियम के तहत यह सीमा समाप्त कर दी गई है। इसका उद्देश्य सदस्यों को अधिक स्वतंत्रता प्रदान करना और उन्हें अपनी उम्र, आवश्यकताओं और जोखिम सहिष्णुता के अनुसार अपनी सेवानिवृत्ति बचत की योजना बनाने की अनुमति देना है।


पेंशन राशि का विभाजन

अब तक, NPS निवेशकों को केवल एक प्रकार की योजना चुनने की आवश्यकता होती थी, चाहे वह टियर 1 हो या टियर 2 खाता। नए मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क (MSP) के तहत, सदस्य अपनी पेंशन राशि को विभिन्न योजनाओं में विभाजित कर सकेंगे।


इसका मतलब है कि वे अपनी उम्र और जोखिम सहिष्णुता के अनुसार निवेश की राशि को विभाजित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, युवा निवेशक अपनी पूरी पूंजी को इक्विटी में निवेश कर सकते हैं, जबकि कम जोखिम उठाने वाले निवेशक डेट फंड या बैलेंस्ड फंड में अधिक निवेश कर सकते हैं।


पेंशन राशि निकालने की नई आयु सीमा

पहले, NPS में निवेश करने की आयु सीमा 60 वर्ष थी, लेकिन अब यह बदलकर 50 या 55 वर्ष कर दी गई है। यदि कोई व्यक्ति निवेश जारी रखना चाहता है, तो वह 60 से 75 वर्ष की आयु तक भी जमा कर सकता है।


ये बदलाव विशेष रूप से पेशेवरों और स्व-रोजगार वाले व्यक्तियों के लिए फायदेमंद होंगे, क्योंकि उनकी आवश्यकताएँ और योजनाएँ अक्सर भिन्न होती हैं।


पोर्टेबल पेंशन अकाउंट

हालांकि NPS में नए निवेश विकल्प उपलब्ध कराए जा रहे हैं, लेकिन सुरक्षा के नियम वही रहेंगे। निवेशकों को उनके रिटर्न और जोखिम के बारे में पूरी जानकारी पारदर्शी तरीके से प्रदान की जाएगी।


पेंशन अकाउंट पोर्टेबल होंगे, जिससे आप अपना अकाउंट किसी भी पेंशन फंड मैनेजर के पास आसानी से ट्रांसफर कर सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब भी आप अपना फंड निकालें, तो कुल राशि का कम से कम 40% एन्युटी में निवेश करना होगा, जिससे रिटायरमेंट के बाद आपको नियमित आय प्राप्त होगी।