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एक जिला-एक उत्पाद जोन रहा जीआईएस का विशेष आकर्षण, विदेशी मेहमानों ने मप्र के उत्पादों को सराहा

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एक जिला-एक उत्पाद जोन रहा जीआईएस का विशेष आकर्षण, विदेशी मेहमानों ने मप्र के उत्पादों को सराहा


- जोन में स्थानीय व्यंजनों का अतिथियों ने उठाया लुत्फ

भोपाल, 25 फरवरी (हि.स.) । ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2025 (जीआईएस) में आए विदेशी और स्वदेशी निवेशकों के लिये मानव संग्रहालय परिसर में एक जिला-एक उत्पाद जोन बनाया गया। यह जोन एक जिला-एक उत्पाद योजना में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से चयनित उत्पादों के परिचय और निवेश को आकर्षित करने के लिये बनाया गया। समिट में मध्य प्रदेश के एक जिला-एक उत्पाद योजना में स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराने की दृष्टि से वन ड्रिस्ट्रिक-वन प्रोडक्ट विलेज की वृहद प्रदर्शनी भी लगाई गई। जीआईएस में शामिल विदेशी निवेशकों और मेहमानों के लिये यह जोन विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा। निवेशकों ने ओडीओपी जोन में अलग-अलग जिलों के चयनित उत्पादों को देखा, समझा और सराहा।

ओडीओपी जोन में दिखी प्रदेश की रंग-बिरंगी लोक संस्कृति की झलक

मानव संग्रहालय परिसर के स्थित ओडीओपी जोन में विदेशी निवेशकों और मेहमानों को प्रदेश की रंग-बिरंगी लोक संस्कृति की झलक दिखाई गई। बुंदेलखंड के बधाई, बैतूल के कोरकू समुदाय का गडली सुसुन नृत्य, बांसुरी की मधुर तान, ढोल और झुंझुरी की थाप ने पूरे माहौल को आनंदित कर दिया। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए लोक कलाकारों ने रंग-बिरंगे परिधानों से सजकर लोक नृत्य की प्रस्तुतियां दी। ओडीओपी जोन देखने आए निवेशकों और मेहमानों ने लोक कलाकारों का तालियों से उत्साहवर्धन किया और सेल्फी भी खिंचवाई।

आतिथियों ने स्थानीय उत्पादों को सराहा, व्यंजनों का उठाया लुत्फ

ओडीओपी जोन में प्रदेश के विभिन्न जिलों के विशिष्ट उत्पाद जैसे ग्वालियर सैंड स्टोन, बुरहानपुर केले के प्रोडक्ट, बैतूल मैटल की सजावट सामग्री, शिवपुरी जैकेट, सीहोर लकड़ी के खिलौने आदि उत्पादों का अवलोकन किया। सभी ने उत्पादों की गुणवत्ता और रचनात्मकता की सराहना की। मेहमानों ने बुंदेली, मालवी और परम्परागत जनजातीय व्यंजनों का लुत्फ उठाया।

ओडीओपी में शामिल है 52 जिलों के विशिष्ट उत्पाद

ओडीओपी योजना के अंतर्गत किसी क्षेत्र विशेष के खास उत्पादों को उनके भौगोलिक, जैविकीय, प्राकृतिक या उत्पादन की विशेषताओं के कारण शामिल किया जाता है। योजना में ऐसे उत्पादों का चयन कर उनके संरक्षण और संवर्द्धन के विशेष सरकारी प्रयास किये जाते हैं। इस समय मध्य प्रदेश के 52 जिलों में ओडीओपी योजना संचालित है, जिनमें हरी सब्जी, मोटे अनाज, क्राफ्टकला हथकरघा, हस्तशिल्प, उपकरण आदि शामिल है।

अब तक प्रदेश के 19 उत्पादों को मिला है जीआई टैग

प्रदेश सरकार द्वारा स्थानीय कलाकारों और उत्पादों को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। प्रदेश के अलग-अलग जिलों के 19 विशिष्ट उत्पादों को अब तक जीओ-ग्राफिकल इंडीकेशन्स (जीआई) टैग प्रदान किये गये है। इसमें चंदेरी साड़ी, बाग प्रिंट, नागपुरी संतरा, रतलामी सेंव, कड़कनाथ मुर्गा, चिन्नौर चावल, बुटिक प्रिंट, स्टोन क्राफ्ट, लेदर टॉय, बेल मेटल वेअर, महेश्वरी साड़ी, महोबा देशवारी पान, मुरैना गजक, सुंदरजा आम, शरबती गेहूँ, गोंड पेंटिंग, रॉट आयरन क्राफ्ट, हेन्डमेड कारपेट, वारासिवनी की हेंडलूम साड़ी शामिल है। इनमें से 7 उत्पाद ओडीओपी योजना में भी शामिल है।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी