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PM मोदी का मणिपुर दौरा: चुराचांदपुर में विकास परियोजनाओं का शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर में चुराचांदपुर का दौरा किया, जहां उन्होंने 7300 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने राहत शिविरों में रह रहे विस्थापितों से मुलाकात की और उन्हें केंद्र सरकार का समर्थन देने का आश्वासन दिया। मोदी ने चुराचांदपुर को साहस और दृढ़ निश्चय की भूमि बताया। हिंसा के कारण मणिपुर में स्थिति तनावपूर्ण है, और मोदी का अगला पड़ाव इम्फाल होगा, जहां वे और भी विकास कार्यों का उद्घाटन करेंगे।
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PM मोदी का मणिपुर दौरा: चुराचांदपुर में विकास परियोजनाओं का शिलान्यास

प्रधानमंत्री मोदी का मणिपुर दौरा

PM Modi Manipur Visit: मणिपुर में 2023 में हुई हिंसा के दो साल बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य का दौरा किया। शनिवार को, भारी बारिश के बावजूद, पीएम मोदी ने इम्फाल एयरपोर्ट से 65 किलोमीटर की सड़क यात्रा कर चुराचांदपुर पहुंचकर राहत शिविरों में रह रहे विस्थापितों से मुलाकात की। चुराचांदपुर को इस हिंसा का केंद्र माना जाता है, जहां 260 से अधिक लोगों की जान गई थी।


प्रधानमंत्री ने यहां पीड़ित बुजुर्गों और बच्चों से बातचीत की और उन्हें आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार उनके साथ है। उन्होंने चुराचांदपुर को "साहस और दृढ़ निश्चय की भूमि" बताते हुए कहा कि मणिपुर के लोगों ने कठिन परिस्थितियों में भी उम्मीद को जीवित रखा है। इस दौरान उनके साथ मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला भी मौजूद थे।




चुराचांदपुर में विकास परियोजनाओं का शिलान्यास

पीएम मोदी ने चुराचांदपुर में 7300 करोड़ रुपये की 14 महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें ड्रेनेज सिस्टम, महिला छात्रावास, नए विद्यालय और सुपर-विशेषज्ञता स्वास्थ्य सुविधाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा, "यह अच्छा हुआ कि मेरा हेलिकॉप्टर यहां नहीं उतर सका और मैं सड़क मार्ग से आया। रास्ते में मैंने तिरंगा लहराते लोगों का उत्साह देखा। मैं मणिपुर की जनता की भावना को सलाम करता हूं... मणिपुर वीरों की भूमि है।"


2023 में मणिपुर में भड़की थी हिंसा

हिंसा की शुरुआत 3 मई 2023 को चुराचांदपुर में हुई थी। यहां कुकी-जो समुदाय ने मणिपुर के मैतेई समाज की अनुसूचित जनजाति (ST) दर्जे की मांग के खिलाफ रैली निकाली थी। इसके बाद हालात बिगड़े और मैतेई तथा कुकी-जो समुदायों के बीच लगातार झड़पें हुईं। इस जातीय संघर्ष में अब तक 260 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, सैकड़ों घायल हुए और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित होकर राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हुए।


कुकी-जो समूह लंबे समय से यह मांग कर रहे हैं कि जिन पर्वतीय जिलों में उनकी आबादी बहुमत में है, उन्हें अलग केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया जाए। वहीं, मैतेई समुदाय का बहुमत इम्फाल घाटी में है, जिससे दोनों पक्षों के बीच तनाव और गहरा गया।


लगातार हिंसा और अस्थिर हालात के बीच मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 13 फरवरी 2025 से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है। केंद्र सरकार अब शांति बहाली और विकास कार्यों को प्राथमिकता दे रही है।


पीएम मोदी का अगला पड़ाव इम्फाल

प्रधानमंत्री मोदी अब मैतेई-बहुल इम्फाल जाएंगे, जहां वे वहां के राहत शिविरों में रह रहे लोगों से मुलाकात करेंगे। इम्फाल में वे 1,200 करोड़ रुपये की विभिन्न आधारभूत परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और ऐतिहासिक कंगला फोर्ट से जनसभा को संबोधित करेंगे।