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PM मोदी का स्वतंत्रता दिवस पर बड़ा ऐलान: आर्थिक सुधारों को गति देने का संकल्प

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में आर्थिक सुधारों को तेज़ी से लागू करने का वादा किया। उन्होंने एक कार्यदल के गठन की घोषणा की, जिसका उद्देश्य भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना है। मोदी ने छोटे-मोटे मामलों के लिए नागरिकों को जेल में डालने वाले कानूनों को समाप्त करने की योजना भी साझा की। जानें इस सुधार प्रक्रिया के पीछे की रणनीति और इसके संभावित लाभ।
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PM मोदी का स्वतंत्रता दिवस पर बड़ा ऐलान: आर्थिक सुधारों को गति देने का संकल्प

PM मोदी का आर्थिक सुधारों पर जोर

PM मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर कहा: वैश्विक अस्थिरता और अमेरिका की शुल्क नीतियों के कारण भारत की अर्थव्यवस्था को जो चुनौतियाँ सामना करना पड़ रहा है, उनके समाधान के लिए विशेषज्ञों का मानना है कि आर्थिक सुधारों को तेजी से लागू करना आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में आर्थिक सुधारों के अगले चरण को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया और इसके लिए एक कार्यदल का गठन करने की घोषणा की।


कार्यदल का उद्देश्य

इस कार्यदल का मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित हो सके। पीएम मोदी ने कहा कि ये सुधार न केवल सरकारी नीतियों को बेहतर बनाएंगे, बल्कि कारोबारी माहौल को भी अधिक अनुकूल बनाएंगे, जिससे सभी प्रकार के व्यवसायों के लिए काम करना आसान हो सकेगा। इसके अंतर्गत छोटे उद्योगों, स्टार्टअप्स और उद्यमियों के लिए नियमों का अनुपालन कम करने का प्रयास किया जाएगा।


प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प

पिछले दो दशकों में कई बार सुधारों के लिए समितियों का गठन किया गया है। नीति आयोग ने भी कई सिफारिशें की हैं। हालांकि, बैंकों, बीमा, कृषि, श्रम और भूमि सुधारों की घोषणाओं के बावजूद इन्हें लागू करने में कठिनाइयाँ आईं। अब प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने का संकल्प लिया है।


नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म्स

उन्होंने कहा कि नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म्स के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जो निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने कार्य को पूरा करेगा। यह टास्क फोर्स मौजूदा नीतियों, नियमों और कानूनों को 21वीं सदी के वैश्विक वातावरण के अनुरूप बनाएगा, ताकि भारत 2047 तक एक समृद्ध राष्ट्र बन सके।


कानूनों में बदलाव

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि सरकार छोटे-मोटे मामलों के लिए नागरिकों को जेल में डालने वाले कानूनों को समाप्त करने पर विचार कर रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे देश में कई ऐसे कानून हैं जो छोटी-छोटी बातों पर लोगों को जेल में डाल देते हैं, जिन्हें समाप्त किया जाना चाहिए।

सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों, छोटे कारोबारियों और स्टार्टअप्स के लिए ये सुधार बड़े लाभकारी साबित हो सकते हैं। इससे भारत के निर्यात को भी नई ताकत मिलेगी।