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PoK में हिंसक विरोध: नागरिकों की मौत और प्रदर्शनकारियों की मांगें

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शनों में आठ नागरिकों की मौत हो गई है। प्रदर्शनकारी मौलिक अधिकारों की मान्यता की मांग कर रहे हैं, जिसके चलते स्थानीय व्यवसाय और परिवहन सेवाएं ठप हो गई हैं। JAAC के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन में प्रदर्शनकारियों ने पुलों पर रखे कंटेनरों को नदी में फेंक दिया और पाक रेंजर्स पर मौतों का आरोप लगाया है। इस स्थिति के पीछे पिछले हफ्ते हुए एक हमले का भी जिक्र किया गया है, जिसमें कई नागरिकों की जान गई थी।
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PoK में हिंसक विरोध: नागरिकों की मौत और प्रदर्शनकारियों की मांगें

PoK में जारी विरोध-प्रदर्शन

PoK में विरोध: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में बुधवार को हो रहे हिंसक प्रदर्शनों में आठ नागरिकों की जान चली गई और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह घटनाएं तीन दिनों से चल रहे विरोध के दौरान हुई हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, Bagh जिले के Dhirkot में चार लोगों की मौत हुई, जबकि मुजफ्फराबाद और Mirpur में दो-दो लोग मारे गए। मंगलवार को मुजफ्फराबाद से दो मौतों की सूचना मिली थी, जिससे पिछले तीन दिनों में मृतकों की कुल संख्या दस हो गई है।


प्रदर्शनकारियों की मांगें

क्षेत्र में व्यापक विरोध-प्रदर्शन Joint Awami Action Committee (JAAC) के नेतृत्व में चल रहा है। प्रदर्शनकारी मौलिक अधिकारों की मान्यता की मांग कर रहे हैं। पिछले 72 घंटों में विरोध के कारण बाजार, दुकानें, स्थानीय व्यवसाय और परिवहन सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं।


प्रदर्शनकारियों की कार्रवाई

कंटेनरों को नदी में फेंका गया


बुधवार सुबह, प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंके और मुजफ्फराबाद की ओर उनके मार्च को रोकने के लिए पुलों पर रखे गए बड़े शिपिंग कंटेनरों को नदी में धकेल दिया। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में दर्जनों लोग मिलकर कंटेनरों को हटाते हुए दिखाई दिए।


पाक रेंजर्स पर आरोप

मौतों का जिम्मेदार पाक रेंजर्स


JAAC ने मुजफ्फराबाद में हुई मौतों के लिए पाकिस्तानी रेंजर्स को जिम्मेदार ठहराया है। अन्य मृतक भारी गोला-बारूद और पाकिस्तानी सेना द्वारा नागरिकों पर की गई गोलीबारी के कारण मारे गए हैं।


प्रदर्शन जारी

इसके बावजूद, प्रदर्शनकारी मुजफ्फराबाद की ओर लंबी मार्च जारी रखे हुए हैं। JAAC ने 38 मांगें पेश की हैं, जिनमें 12 PoK विधानसभा सीटों को हटाने की भी मांग शामिल है। स्थानीय लोग बताते हैं कि ये सीटें पाक में रहने वाले कश्मीरी शरणार्थियों के लिए आरक्षित हैं, जो प्रतिनिधित्वकारी शासन को कमजोर करती हैं।


ब्लॉकेड तोड़ने की कोशिश

कुछ प्रदर्शनकारियों ने तोड़े ब्लॉकेड


कुछ प्रदर्शनकारियों ने ब्लॉकेड तोड़ते हुए मुजफ्फराबाद पहुंचने में सफलता पाई है। सोशल मीडिया पर शहर में बड़ी भीड़ जमा होने के दृश्य सामने आए हैं। JAAC के नेता Mir ने प्रधानमंत्री Shehbaz Sharif की सरकार को चेतावनी दी और इसे 'Plan A' बताया, साथ ही संकेत दिया कि जनता का धैर्य समाप्त हो चुका है और उनके पास 'Plan D' सहित कड़ी कार्यवाही के विकल्प मौजूद हैं।


PoK में हिंसा का कारण

PoK में प्रदर्शन की वजह


इस सप्ताह PoK में हुई हिंसा पिछले हफ्ते के एक दर्दनाक हादसे के बाद हुई, जिसमें चीन निर्मित J-17 फाइटर जेट्स द्वारा Khyber Pakhtunkhwa प्रांत के एक गांव पर LS-6 लेजर गाइडेड बम गिराए गए, जिसमें 30 नागरिकों की मौत हुई।


इस हमले ने स्थानीय समुदायों में गुस्सा और चिंता बढ़ा दी है। Khyber में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है, वहीं प्रतिबंधित संगठन Jaish-e-Mohammed ने भारत के Operation Sindoor के बाद इस क्षेत्र में नए ठिकाने स्थापित करने शुरू कर दिए हैं।