Project Pelican: कनाडा में ड्रग और आतंकवाद का बड़ा खुलासा

Project Pelican: ड्रग और आतंकवाद का जाल
Project Pelican: कनाडा की पील रीजनल पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग और आतंकवादी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिसने भारत की सुरक्षा एजेंसियों में हलचल मचा दी है। इस अभियान के तहत यह पता चला है कि खालिस्तान समर्थक, मैक्सिकन ड्रग माफिया और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के बीच एक गहरा संबंध है। इस नेटवर्क का उद्देश्य ड्रग तस्करी से अर्जित धन का उपयोग भारत विरोधी गतिविधियों में करना था।
तस्करी का मुख्य मार्ग: अमेरिका-कनाडा ट्रकिंग रूट
पील पुलिस ने जून 2024 में इस मामले की जांच शुरू की थी। जांच में यह सामने आया कि कोकीन की तस्करी अमेरिका से कनाडा के बीच वाणिज्यिक ट्रकिंग रूट के माध्यम से की जा रही थी। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, नवंबर 2024 तक कई संदिग्ध व्यक्तियों और ट्रकिंग कंपनियों की पहचान की गई। इस अभियान में कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी (CBSA) और अमेरिका के ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (DEA) ने भी सहयोग किया।
इतिहास की सबसे बड़ी ड्रग बरामदगी
फरवरी से मई 2025 के बीच, पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर कुल 479 किलोग्राम कोकीन बरामद की, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 47.9 मिलियन डॉलर (लगभग 400 करोड़ रुपये) आंकी गई है।
मुख्य बरामदगियां:
127 किलोग्राम कोकीन विंडसर के एम्बेसडर ब्रिज पर पकड़ी गई।
50 किलोग्राम कोकीन पॉइंट एडवर्ड के ब्लू वॉटर ब्रिज पर बरामद हुई।
ग्रेटर टोरंटो एरिया में भी कई स्थानों पर कोकीन की बड़ी मात्रा जब्त की गई।
दो अवैध लोडेड सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौलें भी पुलिस ने बरामद कीं।
गिरफ्तार आरोपी: 9 में से 7 भारतीय मूल के
इस कार्रवाई में पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से 7 भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक हैं। गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं:
मनप्रीत सिंह (44, ब्रैम्पटन)
सजगित योगेन्द्रराजा (31, टोरंटो)
फिलिप टेप (39, हैमिल्टन)
करमजीत सिंह (36, कैल्डन)
अर्विंदर पवार (29, ब्रैम्पटन)
गुरतेज सिंह (36, कैल्डन)
शिव ओंकार सिंह (31, जॉर्जटाउन)
सरताज सिंह (27, कैम्ब्रिज)
हाओ टॉमी हुन्ह (27, मिसिसॉगा)
ISI और खालिस्तान का संबंध
पुलिस के अनुसार, यह नेटवर्क ISI द्वारा प्रायोजित है, जो खालिस्तान समर्थकों को मैक्सिकन ड्रग्स की तस्करी में शामिल कर रहा था। अफगानिस्तान में उगाई गई हेरोइन को भी ISI भारत में फैलाने का प्रयास कर रहा था। तस्करी से अर्जित धन का उपयोग भारत में जनमत संग्रह, विरोध-प्रदर्शन और हथियारों की खरीद में किया जा रहा था।
जांच की शुरुआत
इस जांच की शुरुआत दिसंबर 2024 में हुई थी, जब अमेरिका के इलिनॉय राज्य में दो भारतीय मूल के कनाडाई नागरिकों को 1,000 पाउंड कोकीन के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसी मामले से प्रोजेक्ट पेलिकन की नींव पड़ी।
ओंटारियो के सॉलिसिटर जनरल माइकल एस. कर्जनर ने कहा कि, "प्रोजेक्ट पेलिकन इस बात का प्रमाण है कि जब पुलिस को आवश्यक संसाधन और समर्थन मिले, तो वे समाज की सुरक्षा के लिए क्या कर सकते हैं।"