देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के राष्ट्रीय प्रयास में प्रशिक्षु अधिकारियों की भूमिका अहम : राष्ट्रपति
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नई दिल्ली, 24 फरवरी (हि.स.)। भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा, भारतीय रेलवे सुरक्षा बल सेवा, भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (लेखा) और भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (यातायात) के प्रशिक्षु अधिकारियों के एक समूह ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।
राष्ट्रपति ने भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के महान राष्ट्रीय प्रयास में उनकी अहम भूमिका है। राष्ट्रपति ने उन्हें भारतीय संविधान के प्रावधानों को ध्यान में रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की संपूर्ण संस्था का आधार है।
राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान के भाग-V का अध्याय-V उन्हें संस्था की भूमिका, कर्तव्यों और शक्तियों से अवगत कराता है, वहीं संविधान की प्रस्तावना और कैग की शपथ को अपनी संस्था की महत्वपूर्ण भूमिकाओं और कर्तव्यों के निर्वहन में प्रत्येक व्यक्ति का मार्गदर्शक होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से अभिनव समाधानों के साथ हितधारकों का मार्गदर्शन और सुविधा प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक के रूप में उनकी भूमिका मॉनिटर और नियंत्रक के रूप में महत्वपूर्ण होगी।
रेलवे सेवा अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत का एक बड़ा हिस्सा हर दिन रेलवे ट्रैक पर चलता है। रेलवे सेवा अधिकारियों के रूप में उन्हें हमारी गतिशीलता को बढ़ाने और इस तरह हमारी अर्थव्यवस्था के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभानी है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि रेलवे सेवाएं बड़ी संख्या में लोगों के दैनिक जीवन की गुणवत्ता निर्धारित करती है। उन्होंने अधिकारियों को यह ध्यान में रखने की सलाह दी कि वे राष्ट्र के लिए एक परिवर्तन एजेंट और सेवा प्रदाता के रूप में रेलवे की समग्र प्रभावशीलता के लिए काम कर रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार