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अकेले रहोगे तो कश्मीरी हिंदुओं की तरह भागना पड़ेगाः पंडित धीरेन्द्र शास्त्री

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अकेले रहोगे तो कश्मीरी हिंदुओं की तरह भागना पड़ेगाः पंडित धीरेन्द्र शास्त्री


इंदौर में हिंदू युवा सम्मेलन में बोले बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर- हिंदू कारोबारी हिंदुओं से ही करें व्यापार

इंदौर, 30 नवंबर (हि.स.)। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री शनिवार शाम इंदौर के लालबाग परिसर में आयोजित हिंदू युवा सम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने रग-रग हिंदू मेरा परिचय विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि अकेले रहोगे तो कश्मीरी हिंदुओं की तरह भागना पड़ेगा। एक रहोगे तो धर्म विरोधियों को देश छोड़कर भागना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू व्यापारी हिंदूओं से ही व्यापार करें क्योंकि धर्मांतरण की सबसे बड़ी वजह बेरोजगारी है।

पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने सम्मेलन में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। हम केवल हिंदू-हिंदू करते हैं। हम केवल हिंदुओं के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू व्यापारियों को हिंदुओं को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। दुबई और आबूधाबी में कंपनी खोलने के लिए शेख होना जरूरी है। वहां के संविधान में इसका उल्लेख है। ऐसा हमारे देश में क्यों नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि अब एचआई की इस देश में जरूरत है। एचआई का मतलब है इलेक्चुअल हिंदू। अब यूनिटी ऑफ हिंदू और बिजनेसमैन हिंदू होना चाहिए। युवा एआई के दीवाने हैं, लेकिन रील लाइफ से निकलकर रियल लाइफ को जानना होगा। इसलिए एचआई पर फोकस करें।

पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि एक आदमी इंदौर का चला जा रहा था। रास्ते में पत्थर दिखा उठा लिया। कुत्ता दिखा उसे मार दिया। वैसे ही हम थ्रेट में चल रहे हैं। एक आदमी ने पत्थर उठाया कुत्ता भाग गया। वही पत्थर उठाया मधुमक्खी को मारा। आदमी भाग गया क्योंकि मधुमक्खियां एकट्‌ठी थी। इंदौर के हिंदुओं तुम अकेले रहोंगे तो कश्मीरी हिंदुओं की तरह भागना पड़ेगा और एकत्रित रहेंगे तो धर्म विरोधियों को देश छोड़कर भागना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि हम भेदभाव में बंट गए तो हम कम हो गए। बहुत चिंतनीय विषय है। रंगून में भी हिंदू रहते थे, वर्मा में भी हिंदू रहते थे। देश के पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हो रहा है। बंगाल में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। इस देश को बांग्लादेश बनने से बचाने के लिए हिंदुओं को संगठित होना जरूरी है। नहीं तो नेहा को हिना होने में और शालीन को साहिल होने में देर नहीं लगेगी। उन्होंने कहा कि जो भारत में रहते हैं, वे सब हिंदू हैं। चाहे वो मुस्लिम हों या ईसाई हों। उनके दादा परदादा हिंदू थे। हम मुसलमान को देश से हटना नहीं चाहते। बस ये संदेश देना चाहते हैं कि कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे। जो भारत को बांटना चाहते हैं, वो हमारे दुश्मन हैं।

इस दौरान पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने पांच मंत्र दिए। उन्होंने कहा कि भेदभाव मुक्त भारत के लिए गांव-गांव बैठक करो। हर हिंदू को शनिवार या मंगलवार मंदिरों में जाना चाहिए। हिंदू को हिंदुओं से ही बिजनेस करना चाहिए। माताओं को हिंदुत्व की पाठशाला अपने घर में खोलनी चाहिए। हर 24 में से एक घंटा देश के लिए निकालना चाहिए।

इससे पहले विमानतल पर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि देश में हिंदू एकजुट हो रहा है। देश में छुआछूत को लेकर भी क्रांति खड़ी हो रही है। उन्होंने कहा कि मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं है, लेकिन इंदौर का प्रेम मुझे खींच लाया है।

सम्मेलन का आयोजन दोपहर एक बजे शुरू होना था। लालबाग में भीड़ भी जुटने लगी, लेकिन पंडित धीरेन्द्र शास्त्री पांच घंटे देरी से सम्मेलन स्थल पर आए। छह बजे के बाद सम्मेलन शुरू हुआ। सम्मेलन में मालवा निमाड़ के संत मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर