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RSS प्रमुख मोहन भागवत ने PoK को वापस लेने की जताई प्रतिबद्धता

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मध्य प्रदेश के सतना में एक जनसभा में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को पुनः प्राप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह भारत का एक हिस्सा है, जिसे अजनबियों ने कब्जा कर लिया है। भागवत ने आध्यात्मिक ज्ञान के महत्व पर भी जोर दिया, यह कहते हुए कि भारत को सच्ची आजादी पाने के लिए इसे अपने दैनिक जीवन में लागू करना होगा। इस बयान के बाद PoK में चल रहे विरोध प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में उनकी टिप्पणियां और भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं।
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RSS प्रमुख मोहन भागवत ने PoK को वापस लेने की जताई प्रतिबद्धता

सतना में जनसभा में भागवत का बयान

मध्य प्रदेश के सतना में आयोजित एक जनसभा में, RSS के प्रमुख मोहन भागवत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को पुनः प्राप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि PoK भारत का एक हिस्सा है, जिसे अजनबियों ने कब्जा कर लिया है, और इसे वापस लेना आवश्यक है।


तालियों से गूंजा माहौल

भागवत के इस बयान के बाद सभा में उपस्थित लोगों ने जोरदार तालियां बजाईं। उन्होंने कहा, 'यहां कई सिंधी भाई मौजूद हैं। मुझे खुशी है कि वे पाकिस्तान नहीं गए। वे अविभाजित भारत के साथ रहना चाहते थे। परिस्थितियों ने हमें उस घर से यहां भेज दिया है, क्योंकि वह घर और यह घर अलग नहीं हैं।'


भारत का एक घर

भागवत ने आगे कहा कि पूरा भारत एक घर है, लेकिन किसी ने हमारे घर का एक कमरा हटा दिया है, जिसमें उनकी मेज, कुर्सी और कपड़े रखे हुए हैं। उन्होंने कहा, 'कल मुझे उसे वापस लेना होगा।'


PoK में विरोध प्रदर्शन

यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। स्थानीय लोगों ने पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है। पिछले तीन दिनों में पाकिस्तानी सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में 10 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं।


आध्यात्मिक ज्ञान का महत्व

भागवत ने यह भी कहा कि यदि भारत को सच्ची आजादी प्राप्त करनी है, तो उसे अपने आध्यात्मिक ज्ञान को दैनिक जीवन में लागू करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत दुनिया को शांति और समृद्धि का पाठ पढ़ा सकता है।