RSS प्रमुख मोहन भागवत ने संघ की भूमिका पर स्पष्टता दी
संघ का सामाजिक-सांस्कृतिक दृष्टिकोण
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने संघ को भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जोड़ने की धारणा को नकारते हुए कहा कि संघ एक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है। उन्होंने बताया कि इसे किसी राजनीतिक दल के नजरिए से देखना गलत है। भागवत ने स्पष्ट किया कि संघ का मुख्य उद्देश्य समाज का निर्माण और राष्ट्र की सेवा करना है, न कि किसी राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाना।
भागवत ने कहा कि संघ की शाखाओं में होने वाली शारीरिक गतिविधियां और व्यायाम आत्मअनुशासन, स्वास्थ्य और सामूहिकता को बढ़ावा देने के लिए होती हैं। यह धारणा कि संघ किसी पर हमला करने या हिंसा की योजना बना रहा है, पूरी तरह से गलत और भ्रामक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि संघ हमेशा अहिंसा, सेवा और समाज में सद्भाव की बात करता है।
संघ का उद्देश्य और कार्य
संघ प्रमुख ने यह भी बताया कि संघ का कार्य समाज को एकजुट करना, चरित्र निर्माण करना और नागरिकों में जिम्मेदारी की भावना विकसित करना है। संघ के स्वयंसेवक आपदा के समय राहत कार्यों के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय रहते हैं। इन कार्यों का राजनीति से कोई संबंध नहीं है।
भागवत ने आलोचकों से अनुरोध किया कि वे संघ की विचारधारा और कार्यप्रणाली को पूर्वाग्रह के बिना समझें। उन्होंने कहा कि विभिन्न संगठनों की अपनी-अपनी भूमिकाएं होती हैं और उन्हें उसी संदर्भ में देखना चाहिए। संघ का उद्देश्य किसी राजनीतिक दल को लाभ पहुंचाना नहीं, बल्कि राष्ट्र के हित में समाज को मजबूत बनाना है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विभिन्न मत होना स्वाभाविक है, लेकिन गलत धारणाओं के आधार पर किसी संगठन को निशाना बनाना उचित नहीं है। संघ देश की एकता, अखंडता और सामाजिक समरसता के लिए निरंतर प्रयास करता रहेगा।
