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SEBI ने अदाणी समूह को हिंडनबर्ग मामले में दी क्लीनचिट, सभी आरोप खारिज

भारतीय उद्योगपति गौतम अदाणी और उनके समूह को SEBI से बड़ी राहत मिली है। लगभग 20 महीने की जांच के बाद, SEBI ने हिंडनबर्ग मामले में अदाणी समूह को क्लीनचिट दी है। सभी आरोपों को खारिज करते हुए, SEBI ने कहा कि इनसाइडर ट्रेडिंग और शेयरों में हेरफेर के आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं। यह निर्णय अदाणी समूह के लिए एक महत्वपूर्ण जीत मानी जा रही है, जिससे उनके शेयरों और निवेशकों के विश्वास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
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SEBI ने अदाणी समूह को हिंडनबर्ग मामले में दी क्लीनचिट, सभी आरोप खारिज

अदाणी समूह को मिली बड़ी राहत

नई दिल्ली: भारत के प्रमुख उद्योगपति गौतम अदाणी और उनके समूह के लिए आज एक महत्वपूर्ण समाचार सामने आया है। लगभग 20 महीने की गहन जांच के बाद, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अदाणी समूह को हिंडनबर्ग मामले में क्लीनचिट प्रदान की है। नियामक संस्था ने अपने अंतिम आदेश में स्पष्ट किया है कि अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए इनसाइडर ट्रेडिंग और शेयरों में हेरफेर के गंभीर आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं।


SEBI ने 18 सितंबर को जारी अपने अंतिम आदेश में गौतम अदाणी, उनके भाई राजेश अदाणी, अदाणी पोर्ट्स, अदाणी पावर और एडिकॉर्प एंटरप्राइजेज को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया है। SEBI के पूर्णकालिक सदस्य कमलेश चंद्र वार्ष्णेय ने आदेश में कहा, 'मुझे लगता है कि अदाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों का कोई आधार नहीं है। इस संदर्भ में, उन पर किसी भी प्रकार की देनदारी या जुर्माना लगाने का कोई सवाल नहीं उठता।'


यह मामला 24 जनवरी, 2023 को शुरू हुआ, जब अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी समूह के खिलाफ एक विवादास्पद रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट ने भारतीय शेयर बाजार में हलचल मचा दी थी। हिंडनबर्ग ने अदाणी समूह पर शेयरों की कीमतों में हेरफेर, अकाउंटिंग में धोखाधड़ी, और फंड ट्रांसफर के लिए ऑफशोर टैक्स हेवन और शेल कंपनियों का उपयोग करने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि अदाणी समूह से जुड़ी संस्थाएं विदेशों से फंड निकालकर वापस समूह की लिस्टेड कंपनियों में निवेश करती थीं, जिससे शेयरों की कीमतें कृत्रिम रूप से बढ़ाई जाती थीं।


इस निर्णय को अदाणी समूह के लिए एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है, जिससे समूह के शेयरों और निवेशकों के विश्वास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है।