इंडो-भूटान आर्थिक सहयोग और गेलफू माइंडफुलनेस सिटी पर सत्र आयोजित
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- जीएमसी एकता और साझा समृद्धि का प्रतीक: मुख्यमंत्री
- पीएम मोदी भूटान के साथ संबंधों को देते हैं सर्वोच्च प्राथमिकता: मुख्यमंत्री
गुवाहाटी, 25 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने आज गुवाहाटी में एडवांटेज असम 2.0: इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर समिट के तहत आयोजित इंडो-भूटान आर्थिक सहयोग और गेलफू माइंडफुलनेस सिटी – आपसी सहयोग के अवसर सत्र में भाग लिया। इस अवसर पर भूटान सरकार के कृषि एवं पशुपालन मंत्री योंतेन फुंतशो भी उपस्थित रहे।
सत्र में असम और भूटान के गहरे ऐतिहासिक और आर्थिक संबंधों को रेखांकित करते हुए, व्यापार, कनेक्टिविटी, निवेश और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सुदृढ़ करने के नए अवसरों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत-भूटान संबंध आपसी सम्मान और समझ के ठोस आधार पर निर्मित हैं और यह मित्रता केवल भौगोलिक सीमाओं तक सीमित नहीं, बल्कि साझा मूल्यों का उत्सव भी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भूटान के साथ संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं और भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के नेतृत्व में यह ऐतिहासिक मित्रता आने वाले वर्षों में और मजबूत होगी।
गेलफू माइंडफुलनेस सिटी (जीएमसी) परियोजना पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना भूटान और भारत के बीच एकता और साझा समृद्धि का प्रतीक बनेगी। उन्होंने इस परियोजना के विकास में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सहयोग की सराहना की और कहा कि भारत सरकार के साथ-साथ असम सरकार भी जीएमसी की परिकल्पना को साकार करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार जीएमसी की पहल के साथ तालमेल बैठाने और सीमावर्ती क्षेत्रों में समान विकास लाने के लिए विभिन्न संभावनाओं की तलाश कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिशा में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक पहल जोगीघोपा में अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनल है, जो असम की क्षेत्रीय व्यापार और सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और जीएमसी की व्यापक दृष्टि का समर्थन करता है। उन्होंने आगे बताया कि भारत सरकार की स्वीकृति मिलने पर असम में एक विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) के विकास को प्राथमिकता दी जाएगी। यह सेज, जीएमसी की परिकल्पना के अनुरूप एक टाउनशिप के निर्माण में सहायक होगा और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, कोकराझाड़-गेलफू रेल संपर्क और गेलफू माइंडफुलनेस सिटी (जीएमसी) के आसपास सड़क अवसंरचना के विकास में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं, जिससे मजबूत कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी।
इस अवसर पर भूटान सरकार के कृषि एवं पशुपालन मंत्री योंतेन फुंतशो ने अपने संबोधन में हरित ऊर्जा, कृषि नवाचार और आर्थिक स्थिरता को लेकर भूटान की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने नवाचार, खाद्य सुरक्षा और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत-भूटान सहयोग को और गहरा करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में असम ने अवसंरचना, व्यापार और कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिससे भविष्य में भूटान के लिए भी कई अवसर सृजित होंगे।
इस सत्र में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, भूटान सरकार के कृषि एवं पशुपालन मंत्री योंतेन फुंतशो, विदेश राज्य मंत्री पबित्र मार्घेरीटा, बीटीआर प्रमुख प्रमोद बोड़ो, असम सरकार के मंत्री यूजी ब्रह्म, टाटा पावर कंपनी लिमिटेड के सीईओ एवं एमडी डॉ. प्रवीर सिन्हा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश