स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में ‘भारत पर्व’ का प्रकाशमय उत्सव, एकता नगर जगमगा उठा प्रकाश के रंग से
गांधीनगर, 10 नवंबर (हि.स.)। भारतीय संस्कृति में प्रकाश को अंधकार दूर करने के साथ आध्यात्मिक ऊर्जा एवं उत्साह के प्रतीक के रूप में भी माना जाता है। तीज-त्योहार तथा धार्मिक उत्सव में प्रकाश का स्थान महत्वपूर्ण एवं अडिग रहा है। आज के युग में लाइटिंग एक आर्ट बन गई है और भारतीय लाइटिंग शैली की झलक पेरिस के फेस्टिव ऑफ लाइट्स तथा दुबई के लाइट डोम शो में देखने को मिलती है। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में भारत पर्व का ऐतिहासिक उत्सव मनाया जा रहा है। ऐसे में एकता नगर कलरफुर लाइटिंग्स के प्रकाश से जगमगा उठा है।
राज्य सूचना विभाग ने बताया कि प्रकाश पर्व के अवसर पर एकता नगर स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर प्रकाश से जगमगा उठा है। मानो एकता नगर दुल्हन की तरह सज गया है। समग्र क्षेत्र को विभिन्न रंगबिरंगी लाइटिंग से भारत की विभिन्न संस्कृतियों तथा परंपराओं की झांकियों से सजाया गया है, जहां भारत की विविधता में एकता के दर्शन होते हैं।
182 मीटर की दुनिया की सबसे ऊंची सरदार वल्लभभाई पटेल की भव्य प्रतिमा से लेकर सरदार सरोवर बांध तक हर स्थान पर तिरंगे रंग में लेजर लाइट से जगमगाहट छा गई है। प्रकाश के विभिन्न रंग भारतीय संस्कृति की विविधता में एकता का प्रतीक बनकर खड़े हैं। स्थानीय कलाकारों व शिल्पकारों ने भी अपनी हस्तकला कृतियों को लाइटिंग के प्रकाश द्वारा प्रस्तुत किया है। इस लाइटिंग में आधुनिक टेकनोलॉजी के साथ परंपरागत डिजाइन का समन्वय देखने को मिला है।
लाइटिंग तथा फोटोग्राफी का संबंध इतना अविभाज्य है कि जहां प्रकाश हो, वहां कैमरा स्वयं आकर्षित होता है। लाइटिंग से सजाई गई हर थीम अपने भीतर कोई संदेश समेटे है। कहीं राष्ट्रीय एकता का प्रतिबिंब है, तो कहीं प्रकृति के प्रति प्रेम झलकता है।
नर्मदा नदी की निर्मल धारा समान इस पर्व के उत्सव में देश के विभिन्न राज्यों की लोककला, लोकसंगीत, हस्तकला तथा भोजन की रसधारा बहती दिखाई देती है। हर राज्य ने अपने परंपरागत वेशभूषा तथा कला द्वारा देश की सांस्कृतिक समृद्धि को प्रस्तुत किया है, जिससे एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना जीवंत हो उठी है। इस भावना को उजागर करने के लिए केन्द्र तथा राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से भारत पर्व का भव्य उत्सव नर्मदा नदी के पवित्र तट पर मनाया जा रहा है।
आज के डिजिटल युग में लाइट फेस्टिवल जैसे प्रसंग सेल्फी कल्चर का हिस्सा बन गए हैं, जहां हर फोटो पर्यटकों को प्रकाश, आनंद तथा भारतीय संस्कृति की एक नई कहानी कहती है।
एकता प्रकाश पर्व पैवेलियन में एलईडी लाइट्स, आरजीबी एलईडी नियोन फ्लेक्स स्ट्रिप लाइट्स, कलरफुल लेजर प्रोजेक्शन लाइट्स, स्मार्ट सिंक्रोनाइज्ड लाइट्स, सोलर पावर्ड लाइटिंग से रजवाड़ा शैली के आर्किटेक्चर में देखने को मिल रही फूलों की नाजुक कढ़ाई, स्वर्ण अलंकार, क्लासिकल आकारों की लाइटिंग की कृतियां एकता द्वार से लेकर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक के सात किलोमीटर के क्षेत्र की स्ट्रीट लाइट, गेंट्री मोटिफ्स, सरकारी भवन, पर्यटन आकर्षण, सर्किट हाउस, एकता मॉल, एडमिन बिल्डिंग तथा मुख्य मार्ग पर स्थित पेड़ विभिन्न लिटिंग डेकोरेशन से सुशोभित किए गए हैं।
मुख्य मार्ग से वैली ऑफ फ्लावर्स तक के 530 मीटर के मार्ग में सीलिंग लाइट्स, विभिन्न प्रकार के लाइटिंग आर्टिकल्स तथा थीम आधारित सेल्फी पॉइंट्स के साथ फोट बूथ्स आकाशगंगा की झाँकी देती दिखाई देती है। इसके साथ इसरो के मिशन चंद्रयान, ऑपरेशन सिंदूर की थीम, पक्षी, प्राणी, कलात्मक रूप, पेड़, फूल, धार्मिक चिह्न, ग्रह तथा सौरमंडल के रूप में आध्यात्मिक भारत की अद्भुत संकल्पनाओं को प्रकाश के रूप में व्यक्त किया गया है।
वैली ऑफ फ्लावर्स पैवेलियन में 140 मीटर लंबे वॉक-वे को ग्लो टनल में विभिन्न थीम आधारित कलरफुल लाइटिंग से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, जंगल सफारी, कैक्टस गार्डन, बटरफ्लाई गार्डन, उत्तरवाहिनी नर्मदा परिक्रमा, सोमनाथ, द्वारका, डाकोर जैसे विभिन्न धार्मिक स्थलों की थीम से कृतियां प्रदर्शित की गई हैं। सरदार सरोवर बांध में विशेष डिजाइन किए गए डाइनामिक लाइट एंड साउंड तथा सरदार पटेल की प्रतिमा पर शाम को लेसर शो का आयोजन किया गया है, जिसे देखने के लिए पर्यटकों में विशेष आकर्षण देखने को मिलता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Abhishek Barad
