मुंगेर जिले के भीमबांध इलाके में 20 साल बाद मनाया गया लोकतंत्र का जश्न
-गांव में मतदान केंद्र लौटना लोकतंत्र की बड़ी जीत है : ग्रामीण
पटना, 6 नवंबर (हि.स.)। बिहार विधानसभा चुनाव-2025 के पहले चरण में गुरुवार को मुंगेर जिले से एक ऐतिहासिक और उत्साहजनक खबर सामने आई है। नक्सल प्रभावित माने जाने वाले भीमबांध क्षेत्र में 20 साल बाद पहली बार मतदान हुआ। यह घटनाक्रम नक्सलवाद पर लोकतंत्र और प्रशासन की मजबूत पकड़ को दर्शाता है।
बिहार के नक्सल प्रभावित भीमबांध में 20 साल बाद ऐतिहासिक मतदान हुआ। कड़ी सुरक्षा के बीच ग्रामीणों ने बिना डर के वोट डाला। यह लोकतंत्र की बड़ी जीत है, जहां प्रशासन ने कोई भी बूथ शिफ्ट नहीं किया।
भीमबांध के स्थानीय ग्रामीण मतदान शुरू होने से काफी उत्साहित दिखे। एक ग्रामीण ने वोट डालने के बाद कहा, हमें बहुत अच्छा लग रहा है। 20 साल बाद यहां मतदान करके बहुत खुश हैं। पहले, 2005 के बाद से स्थिति अनुकूल नहीं थी, लेकिन अब कोई डर नहीं है। जब से यहां सुरक्षा बलों का कैंप स्थापित हुआ है, हम शांति से रह रहे हैं।
ग्रामीण ने आगे बताया कि सरकार की सुविधाओं से भी लोग संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा, हमें कुछ सालों से मुफ्त राशन भी मिल रहा है, हम उसके लिए आभारी हैं। अब कोई समस्या नहीं है। हम जंगल में शांति से रह रहे हैं। यहां मतदान केंद्र स्थापित होने से हम खुश हैं। युवा और बुजुर्ग, सभी अपना वोट डालने में सक्षम हैं।
दरअसल, नक्सलियों के गढ़ के रूप में एक समय में चर्चित रहे इस क्षेत्र के गांवों में पिछले 20 वर्षों से भय के कारण मतदान केंद्रों को 15 किलोमीटर दूर स्थानांतरित कर दिया गया था,जहां जाकर वोट करना मतदाताओं के लिय एक मुश्किल काम हुआ करता था। इस वजह से यहां वाेट का प्रतिशत जनसंख्या के अनुसार हमेशा कम रहा करता था, लेकिन अब अर्धसैनिक बलों और जिला पुलिस के लगातार अभियान तथा जंगलों में सेना के स्थायी कैंप की स्थापना के बाद हालात पूरी तरह बदल गए हैं।
अर्धसैनिक बलों और जिला पुलिस के प्रयासाें से इस साल के विधानसभा चुनाव में भीम बांध सहित सात गांवों में पुनः मतदान केंद्र स्थापित किए गए। ग्रामीणों में इसे लेकर उत्साह और खुशी का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों बाद उनके गांव में मतदान केंद्र का लौटना लोकतंत्र की बड़ी जीत है।
केद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) संदीप कुमार ने बताया कि बीस साल पहले यहां मतदान केंद्र हुआ करता था, लेकिन नक्सली गतिविधियों के कारण इसे स्थानांतरित कर दिया गया था। अब जब इस क्षेत्र में पूर्ण शांति स्थापित हो चुकी है, तब फिर से बूथों को गांव में स्थापित किया गया है।
उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित इस इलाके में शांति बहाल करने में केंद्रीय बलों, जिला पुलिस और राज्य प्रशासन का सराहनीय योगदान रहा है। अब भीम बांध का इलाका नक्सल आतंक से मुक्त होकर लोकतंत्र के जश्न में शामिल हो चुका है।
सुरक्षा को लेकर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अब नक्सली क्षेत्रों में सीआरपीएफ का स्थायी कैंप बना दिया गया है। इसके अलावा, अर्धसैनिक बल, एसटीएफ और जिला पुलिस लगातार उस क्षेत्र में फ्लैग मार्च और एरिया डोमिनेशन का कार्य कर रहे हैं। इस बार एक भी मतदान केंद्र शिफ्ट नहीं किया गया, जो लोकतंत्र के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।---------------
हिन्दुस्थान समाचार / चंदा कुमारी
