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आस्थाः पत्थर उखाडऩे के बाद शुरू होगी दिवाली

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आस्थाः पत्थर उखाडऩे के बाद शुरू होगी दिवाली


आस्थाः पत्थर उखाडऩे के बाद शुरू होगी दिवाली


-हजारों साल पुरानी परम्परा के इस खेल को देखने उमड़ेगी भीड़

-प्राचीन मंदिरों में भी दिन भर चलेगा भजन कीर्तन, दिवाली नृत्य

हमीरपुर, 20 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक स्थान पर दशहरे के दिन गाड़े गये पत्थर को दिवाली नृत्य की टोलियां उखाड़कर दिवाली का आगाज करेगी। इसके लिये तैयारियां शुरू कर दी गयी है। पत्थर उखाडऩे के साथ ही पूरे जिले में दीपावली की धूम मचेगी।

जिले के सरीला कस्बे के अथाई मांझखोर मुहल्ले में दशहरे के दिन एक बड़ा पत्थर गाड़ने की परम्परा है। यह पत्थर दीपावली के दिन उखाड़कर दिवाली का आगाज करेंगे। इस पत्थर को उखाडऩे के लिये दिवाली नृत्य की टोलियां पहले नृत्य करती हैं फिर पत्थर उखाड़कर यहीं पर दिवाली खेली जाती है। दिवाली नृत्य की टोलियों के हैरतअंगेज करतब देखने के लिये लोगों की भारी भीड़ भी उमड़ती है।

कस्बे के पहाड़ी तालाब स्थित हनुमान जी के मंदिर पर भी दिवाली नृत्य की टोलियां पहुंचती हैं और वहां माथा टेकने के बाद मंदिर के बाहर दिवाली खेली जाती है। मौन चराने वाले भी यहां इस स्थान पर दिवाली नृत्य करते हैं। पंडित लक्ष्मीनारायण मिश्रा ने बताया कि इस स्थान पर दशहरे के दिन गाड़े गये पत्थर को उखाड़कर दिवाली का आगाज किये जाने की हजारों साल पुरानी परम्परा है।

इस परम्परा को लेकर यहां तैयारियां शुरू कर दी गयी है। दीपावली के दिन ही इस पुरानी परम्परा का आगाज होगा। उन्होंने बताया कि यादव समाज के लोगों में पत्थर उखाड़ने की परम्परा है जिसे बड़े ही उत्साह के साथ इसे निभाते हैं। जीपी यादव ने बताया कि दीपावली की रात्रि में ही पत्थर उखाड़ने के बाद दिवाली नृत्य की टोलियां पूरी रात दिवाली खेलती है। यह परम्परा बहुत पुरानी है जिसे देखने के लिये आसपास के तमाम गांवों से लोग यहां आते है। सरीला कस्बे में हजारों साल पुराने सल्लेश्वर मंदिर, बड़ी माता मंदिर, कालिका देवी मंदिर व क्षेत्र के करियारी में सौरामठ पर भी दिवाली नृत्य की टोलियां दिवाली खेलेगी। भइया दूज पर दिवाली नृत्य टोलियों की प्रतियोगितायें भी होती है। दिवाली नृत्य टोलियां पुरस्कृत भी की जाती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा