पानशिला ठाकुरबाड़ी दुर्गापूजा थीम में सजीव हुई पिता के संघर्षों की गाथा


उत्तर 24 परगना, 20 सितंबर(हि.स.)।
उत्तर 24 परगना के पानशिला ठाकुरबाड़ी की दुर्गापूजा इस साल अपने 76वें वर्ष में कदम रख रही है। इस बार पूजा की थीम है , 'श्रीचरणेषु' जिसके जरिए मां दुर्गा के आगमन के साथ पिता की स्मृतियों को नमन किया जा रहा है।
जन्म से लेकर बड़े होने तक पिता का साया हमारे जीवन में गहराई से जुड़ा रहता है। कभी मां की डांट से बचाने वाले, कभी थकान के बावजूद गोद में बैठाकर पढ़ाने वाले। वही पिता इस पूजा पंडाल की हर झलक में नजर आ रहे हैं।
थीम पंडाल में प्रवेश करते ही मां का दर्शन करने वाले का स्वागत एक अनोखी झांकी से होगा, जहां सामने दिखाई देगा एक रिक्शा – जिसमें मां बच्चों को लेकर बैठी हैं और पिता उसे खींच रहे हैं। यह दृश्य पिता की मेहनत और परिवार के लिए उनके संघर्ष की कहानी कहता है।
पंडाल की हर सजावट पिता के अनकहे योगदान को सामने ला रही है। वह उंगली, जिसे पकड़कर बच्चा चलना सीखता है, वह कंधा, जिस पर बैठकर बचपन गुजरता है – वही पिता हर परिस्थिति में चुपचाप परिवार के रक्षक बने रहते हैं।
इस थीम को साकार किया है कलाकार पार्थ मैती ने। अपने भावनाओं को साझा करते हुए उन्होंने कहा है कि मैं लंबे समय से इस पूजा से जुड़ा हूं। अपने पिता को कैंसर से खोने के बाद हमेशा मन में इच्छा थी कि उनके लिए कुछ करूं। इस बार की पूजा को मैंने अपने पिता सहित दुनिया के सभी पिता को समर्पित किया है।
महालया के दिन सुबह यहां मां दुर्गा की चक्षुदान की रस्म होगी, जिसे प्रसिद्ध मूर्तिकार सुकांत राय निभाएंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय