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बुंदेलखंड की जमीं पर पहली बार अंजीर के लहलहाए पेड़

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बुंदेलखंड की जमीं पर पहली बार अंजीर के लहलहाए पेड़


बुंदेलखंड की जमीं पर पहली बार अंजीर के लहलहाए पेड़


हमीरपुर 02 अगस्त (हि.स.)। बुंदेलखंड की जमीं पर अब किसानों ने अंजीर की बागवानी पर अपना दांव लगाया है। कम लागत में मुनाफा देने वाली अंजीर की पैदावार से किसानों की आने वाले समय में तकदीर बदलेगी। हमीरपुर में ही इसकी बागवानी पच्चीस एकड़ जमीन पर की गई है। इस समय अंजीर के पेड़ भी काफी बड़े हो गए है।

बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले में परम्परागत खेती में किसानों को दैवीय आपदा के कारण बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। हर साल कुदरत का कहर बरपने से किसानों को खरीफ और रबी की फसलों में तगड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों ने परम्परागत खेती के साथ अब पिछले कुछ सालों से बागवानी और मेडिसिन की खेती शुरू की जिससे परम्परागत खेती में होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके। कम लागत में कई गुना मुनाफा देने वाली फसलों को खेतों में उगाने के लिए यहां के किसान हर साल प्लान बनाते है। इस बार जिले में 25 एकड़ क्षेत्रफल में अंजीर की खेती शुरू करने के लिए किसानों ने तैयारी शुरू कर दी है।

किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए पिछले कई सालों से जमीन पर काम कर रहे बीकेडीएसएस एफपीओ के संचालक डाँ.देव सिंह ने बताया कि अंजीर की खेती से बुन्देलखंड के किसानों की तकदीर ही बदल जाएगी। ये बांधुर बुजुर्ग गांव में पहली मर्तबा 25 एकड़ भूमि पर अंजीर की खेती करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए बिहार राज्य के मुजफ्फरनगर से बीज मंगवाकर यहां इसकी बोआई कराएंगे। इसके अलावा आसपास के गांवों में भी किसानों ने अंजीर की खेती करने का मन बनाया है। बता दे कि हमीरपुर के अलावा बुंदेलखंड के महोबा, चित्रकूट और आसपास के इलाकों में भी किसानों ने अंजीर की बागवानी शुरू की है।

24 माह में अंजीर की फसल होगी तैयार

डाँ. देव सिंह ने बताया कि परम्परागत खेती से ज्यादातर परिवार आर्थिक रूप से समृद्ध नहीं हो सके लेकिन अंजीर की खेती से किसान आर्थिक रूप से जरूर सम्पन्न होंगे। बोआई के बाद अंजीर की फसल 20 से 24 माह में तैयार होती है। बताया कि अंजीर की खेती के लिए किसानों को अब प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बुन्देलखंड उत्थान संस्था के संस्थापक डाँ.रोहित सिंह राजावत ने बताया कि अंजीर की खेती से बुन्देलखंड के किसानों की दिशा और दशा न सिर्फ बदलेगी बल्कि हर साल मोटा मुनाफा होने से किसानों खुद ही आत्मनिर्भर बनेंगे।

एक एकड़ में पांच लाख की होगी कमाई

हमीरपुर जिले के बांधुर बुजुर्ग गांव निवासी डाँ.रोहित सिंह राजावत ने बताया कि बुन्देलखंड की माटी में अंजीर की खेती पहली बार किसानों ने पहली बार करने की तैयारी की है। इन्होंने चार एकड़ में अंजीर की खेती करेंगे। 25 एकड़ क्षेत्रफल में अंजीर की खेती की तैयारी में जुटे बीकेडीएसएस एफपीओ के संचालक डाँ.देव सिंह ने बताया कि एक एकड़ में अंजीर की खेती में चार से पांच लाख रुपये का मुनाफा होगा। जबकि लागत बहुत कम आती है। एक बार अंजीर की खेती करने पर लगातार चालीस सालों तक फसल मिलेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा / शरद चंद्र बाजपेयी / बृजनंदन यादव