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चार दशक के इतिहास में पहली मर्तबा सदर क्षेत्र में नहीं हुई कोई जनसभा

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चार दशक के इतिहास में पहली मर्तबा सदर क्षेत्र में नहीं हुई कोई जनसभा
चार दशक के इतिहास में पहली मर्तबा सदर क्षेत्र में नहीं हुई कोई जनसभा


चार दशक के इतिहास में पहली मर्तबा सदर क्षेत्र में नहीं हुई कोई जनसभा


जिला मुख्यालय में पार्टी के शीर्ष नेता की रैली न होने से आम लोग मायूस

हमीरपुर,16 मई (हि.स.)। पिछले चार दशक के बाद यह पहला लोकसभा चुनाव है, जिसमें किसी भी दल के बड़े नेता सुमेरपुर कस्बा सहित सदर विधानसभा क्षेत्र के किसी स्थान पर जनसभा नहीं कर रहे हैं।

हमीरपुर महोबा तिंदवारी लोकसभा सीट पर पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना है। इसके लिये चुनाव प्रचार चरम पर है। राजनीतिक पारा लगातार चढ़ रहा है। सभी दलों के नेता लोकसभा क्षेत्र को मंथने में जुटे हुए हैं। पहली मर्तबा है कि जब कोई बड़ा नेता सदर विधानसभा सीट पर जनसभा करने नहीं आ रहा है। 1980 का दशक आते-आते यहां पर पहली मर्तबा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने यहां आकर लोगों को संबोधित किया था। उसके बाद 1996 एवं 1998 के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने गंगा चरण राजपूत के पक्ष में जनसभा की थी। इसके बाद यहां पर सभी दलों के वीआईपी नेताओं के आने का सिलसिला बन गया। राजनाथ सिंह,राहुल गांधी,अखिलेश यादव,बाबू सिंह कुशवाहा,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आदि ने सुमेरपुर कस्बे के गायत्री तपोभूमि में जनसभाओं को संबोधित किया है।

1990 के बाद ऐसा कोई चुनाव नहीं हुआ, जिसमें प्रमुख दलों के किसी बड़े नेता ने सुमेरपुर आकर सभा न की हो। यह पहला चुनाव होने जा रहा है, जिसमें किसी भी दल का बड़ा नेता सुमेरपुर के साथ सदर विधानसभा क्षेत्र में नहीं आया है। अभी तक भाजपा के पक्ष में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या चरखारी, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह महोबकंठ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महोबा एवं पैलानी में सभा कर चुके हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राठ आ रहे हैं। सपा नेता अखिलेश यादव की जनसभा 16 मई को महोबा में होनी थी, लेकिन ऐनवक्त पर पार्टी की ओर से उसे स्थगित कर दिया गया। बसपा का कोई बड़ा नेता अभी तक नहीं आया है।

सदर विधानसभा सीट पर ज्यादातर नेता सुमेरपुर के अलावा मौदहा आते रहे हैं। मौदहा मुस्लिम एवं क्षत्रिय बाहुल्य क्षेत्र है। मौदहा में मान्यवर कांशीराम, बहन मायावती, सपा सुप्रीमो स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव, आजम खान, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी की सभाएं चुनावी इतिहास में हुई हैं। यह चार दशक का पहला चुनाव है, जिसमें किसी भी दल का स्टार प्रचारक यहां नहीं आया है। कुछ लोगों का मानना है कि सुमेरपुर के गायत्री तपोभूमि में जिस दल के नेता का कार्यक्रम अभी तक हुआ है, उस दल के नेता की सरकार केंद्र एवं प्रदेश में अवश्य बनी है। सपा मुखिया अखिलेश यादव 2012 में जब क्रांति रथ लेकर यहां आए थे, तब सरकार बनाने में सफल हुए थे। इसके बाद भाजपा नेता राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ सिंह की जनसभा तपोभूमि में हुई और केंद्र एवं प्रदेश की सरकार बनाने में सफल हुये हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/राजेश