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जूनागढ़ का सक्करबाग प्राणी उद्यान बना इंडियन ग्रे वुल्फ के संरक्षण के लिए आशा की किरण

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जूनागढ़ का सक्करबाग प्राणी उद्यान बना इंडियन ग्रे वुल्फ के संरक्षण के लिए आशा की किरण


जूनागढ़ का सक्करबाग प्राणी उद्यान बना इंडियन ग्रे वुल्फ के संरक्षण के लिए आशा की किरण


जूनागढ़ का सक्करबाग प्राणी उद्यान बना इंडियन ग्रे वुल्फ के संरक्षण के लिए आशा की किरण


गांधीनगर, 20 जून (हि.स.)। भारत वन्यजीव संरक्षण की दिशा में समर्पित प्रयास कर रहा है। वन्यजीव संरक्षण के लिए गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो सख्त कानून, नियम और योजनाएं लागू की थीं, उन्हें मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भलीभांति आगे बढ़ा रहे हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप आज गुजरात ने इंडियन ग्रे वुल्फ (भारतीय भेड़िया-कैनिस ल्यूपस पैलिपस) के संरक्षण में उल्लेखनीय प्रगति की है। इंडियन ग्रे वुल्फ एक लुप्तप्राय मांसाहारी जानवर है, जो वर्तमान में मानवीय गतिविधियों के कारण आवास के विनाश का सामना कर रहा है।

जूनागढ़ का सक्करबाग चिड़ियाघर इंडियन ग्रे वुल्फ के संरक्षण के लिए बना आशा की किरण

भारत में राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में पाए जाने वाले इंडियन ग्रे वुल्फ यानी भारतीय भेड़ियों की संख्या चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है। यह जानवर लुप्तप्राय प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध है और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची I के अंतर्गत सुरक्षित है।

गुजरात के जूनागढ़ जिला स्थित ऐतिहासिक सक्करबाग प्राणी उद्यान इस लुप्तप्राय प्रजाति के संरक्षण एवं पुनरुत्पादन के लिए आशा की किरण बन गया है। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) इंडियन ग्रे वुल्फ संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम (सीबीपी) का नेतृत्व करने के लिए सक्करबाग प्राणी उद्यान का चयन किया है।

सक्करबाग प्राणी उद्यान में 7 वर्षों में भारतीय भेड़ियों के 173 बच्चों का जन्म हुआ

जूनागढ़ का सक्करबाग प्राणी उद्यान वैज्ञानिक पद्धतियों, अत्याधुनिक सुविधाओं और विशेष प्रजनन पहल के माध्यम से भारतीय भेड़ियों के संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान दे रहा है। यहां भारतीय भेड़ियों के पोषण, स्वास्थ्य, पर्यावरणीय संवर्धन और प्रजनन प्रबंधन के जरिए संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम तेजी से चल रहा है। सक्करबाग चिड़ियाघर में 2019-20 में भारतीय भेड़ियों के 14 बच्चों का जन्म हुआ था। इसी प्रकार 2020-21 में 7, 2021-22 में 31, 2022-23 में 33, 2023-24 में 40 और 2024-25 में 48 सहित सात वर्ष में कुल 173 बच्चों का जन्म हुआ है।

भारतीय भेड़ियों की व्यापक देखभाल

सक्करबाग चिड़ियाघर में संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम के अंतर्गत भारतीय भेड़ियों को उच्च गुणवत्तापूर्ण भोजन और आवश्यकता पड़ने पर सप्लिमेंट्स दिए जाते हैं। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि भोजन और पानी सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण है या नहीं। इतना ही नहीं, नियमित स्वास्थ्य जांच, सैंपल कलेक्शन, त्वरित चिकित्सा उपचार के माध्यम से भारतीय भेड़ियों के स्वास्थ्य की निगरानी की जाती है। प्रतिकूल मौसम को ध्यान में रखते हुए भारतीय भेड़ियों की सुरक्षा के लिए रात्रि आश्रय स्थल और क्राल (मजबूत बाड़) की व्यवस्था भी की गई है। इसके अलावा, भारतीय भेड़ियों के आवास में स्वच्छता का भी सख्ती से पालन किया जाता है। उन्हें नियमित रूप से टीका लगाया जाता है, हर तीन महीने में डीवॉर्मिंग किया जाता है और टीकाकरण के बाद एंटीबॉडी लेवल की भी जांच की जाती है।

प्रजनन प्रबंधन

प्रजनन के लिए जोड़ों का चुनाव आनुवंशिक विविधता को ध्यान में रखकर किया जाता है। मैटिंग, गर्भावस्था और फीडिंग जैसी गतिविधियों की समुचित निगरानी की जाती है। भारतीय भेड़ियों के प्राकृतिक व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए विशेष भोजन के अलावा गंध और वातावरण में बदलाव जैसे कारकों का ध्यान रखा जाता है। मैटिंग के बाद मादा भारतीय भेड़िया की गोपनीयता और स्वास्थ्य का ख्याल रखा जाता है। गर्भावस्था के दौरान मादा भारतीय भेड़िया में हार्मोन परीक्षण, पोषण युक्त आहार सुनिश्चित किया जाता है और शावकों के जन्म के बाद स्वस्थ विकास सुनिश्चित करने के लिए उनका नियमित वजन और स्वास्थ्य जांच की जाती है। गुजरात ने इंडियन ग्रे वुल्फ यानी भारतीय भेड़ियों के संरक्षण और संवर्धन में सफलता प्राप्त कर वन्यजीवों के संरक्षण में अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण पेश किया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / Abhishek Barad