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बलरामपुर : कन्हर के शांत जल में लौटी विदेशी मेहमानों की चहलकदमी, शहर को मिली सर्दियों की सौगात

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बलरामपुर : कन्हर के शांत जल में लौटी विदेशी मेहमानों की चहलकदमी, शहर को मिली सर्दियों की सौगात


बलरामपुर : कन्हर के शांत जल में लौटी विदेशी मेहमानों की चहलकदमी, शहर को मिली सर्दियों की सौगात


बलरामपुर, 23 दिसंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में सर्दियों की ठिठुरन के बीच प्रकृति ने शहर को एक खूबसूरत तोहफा दिया है। कन्हर नदी एक बार फिर दूर-दराज़ से आए प्रवासी पक्षियों की मौजूदगी से जीवंत हो उठी है। इस मौसम में नदी के किनारे विदेशी मेहमानों की आमद ने न सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य बढ़ाया है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन की मजबूती का भी संकेत दिया है।

बीते कुछ वर्षों से ठंड के मौसम में कन्हर नदी क्षेत्र शहरवासियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष भी साइबेरियन डक का एक जोड़ा नगर क्षेत्र में देखा गया है। जानकारी के अनुसार लगभग पंद्रह दिन पहले यह दुर्लभ प्रवासी पक्षी नदी के एक तटवर्ती इलाके में नजर आया, जिसके बाद से स्थानीय लोगों में उत्सुकता और उल्लास का माहौल है।

यह जोड़ा प्रायः नदी के मध्य स्थित टापू पर, राम मंदिर घाट के सामने, सुबह और शाम के समय दिखाई देता है। स्वच्छ जल, शांत वातावरण और भोजन की सहज उपलब्धता ने इस स्थान को प्रवासी पक्षियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बना दिया है। जानकार बताते हैं कि साइबेरिया जैसे अत्यंत ठंडे क्षेत्रों से हजारों किलोमीटर की लंबी यात्रा तय कर ये पक्षी भारत के अपेक्षाकृत गर्म इलाकों में शीतकाल बिताने आते हैं।

स्थानीय पक्षी प्रेमियों का मानना है कि यह जोड़ा लगातार कई वर्षों से इसी क्षेत्र का रुख कर रहा है। यह तथ्य कन्हर नदी के पारिस्थितिक संतुलन के सुरक्षित होने की ओर इशारा करता है। इन दिनों नदी किनारे सुबह-शाम दूरबीन और कैमरे लिए लोग दिखाई दे रहे हैं। बच्चे और युवा वर्ग भी इन पक्षियों के बारे में जानने और उन्हें करीब से देखने को उत्सुक हैं।

नगरवासियों ने प्रशासन से अपील की है कि, इन प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए विशेष सतर्कता बरती जाए, ताकि शिकार या मानवीय हस्तक्षेप से उन्हें कोई नुकसान न पहुंचे। साथ ही नदी क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखने और अनावश्यक शोर से बचने पर भी जोर दिया गया है।

साइबेरियन डक की यह वार्षिक आमद न केवल रामानुजगंज की प्राकृतिक खूबसूरती में इजाफा कर रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता के महत्व का भी सशक्त संदेश दे रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय