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महाशिवरात्रि पर बनेगा सूर्य, चंद्रमा और शनि का विशेष त्रिग्रही योग

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महाशिवरात्रि पर बनेगा सूर्य, चंद्रमा और शनि का विशेष त्रिग्रही योग


महाशिवरात्रि पर बनेगा सूर्य, चंद्रमा और शनि का विशेष त्रिग्रही योग


- महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक करने का शुभ ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5ः17 से सुबह 6ः05 मिनट तकमुरादाबाद, 25 फरवरी (हि.स.)। श्री हरि ज्योतिष संस्थान लाइनपार के संचालक ज्योतिषाचार्य पं. सुरेंद्र कुमार शर्मा ने मंगलवार काे बताया कि बुधवार 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि के दिन सूर्य, चंद्रमा और शनि का विशेष त्रिग्रही योग बन रहा है। यह योग सफलता और समृद्धि का प्रतीक है। महाशिवरात्रि के दिन शिव योग और सिद्ध योग का संयोग बन रहा है। इन योगों में की गई पूजा-अर्चना से मनोकामनाएं जल्दी पूर्ण होती हैं।

पं. सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक करने का शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 5 बजकर 17 मिनट से 6 बजकर 5 मिनट तक रहेगा इसके बाद सुबह 8 बजकर 15 मिनट से 9 बजकर 5 मिनट रहेगा। शुभ अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 35 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 तक हैं। वहीं पहले प्रहर की पूजा का समय शाम को 6 बजकर 29 मिनट से रात 9 बजकर 34 मिनट तक है। जलाभिषेक करने का मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 25 मिनट से शाम 6 बजकर 08 मिनट तक है। जलाभिषेक करने का रात्रि मुहूर्त रात्रि 8 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर रात्रि 11 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। 26/27 फरवरी को निशित काल रात 12 बजकर 09 मिनट से लेकर 12 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। 26/27 फरवरी को अर्धरात्रि 12 बजकर 34 मिनट से सुबह 3 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। 27 फरवरी को सुबह 4 बजकर 41 मिनट से सुबह 6 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।

पं. सुरेंद्र कुमार शर्मा ने आगे बताया कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। चतुर्दशी इस साल 26 फरवरी की सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 27 फरवरी की सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर होगा। ऐसे में शिवरात्रि का व्रत 26 फरवरी के दिन रखा जाएगा। पौराणिक मान्यता के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। उन्होंने आगे बताया कि इस पावन दिन पर ऊं नमो भगवते रूद्राय, ऊं नमः शिवाय रूद्राय शम्भवाय भवानीपतये नमो नमः मंत्रों का जाप करें और शिव पुराण का पाठ ,महामृत्युंजय मंत्र जाप व रुद्राभिषेक आदि से महाशिवरात्रि की रात्रि में जागरण का भी विशेष महत्व है।

महाशिवरात्रि की पूजा विधि:

महाशिवरात्रि के दिन महादेव का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद मंदिर जाकर शिवलिंग व शिव परिवार पर जल चढ़ाएं। इसके बाद कच्चा दूध, तिल काले, अक्षत, गंगाजल, देसी घी,बेलपत्र, भांग, गन्ना, धतूरा, जायफल, फल, मिष्ठान, चंदन देसी घी का दीपक, धूपबत्ती आदि से पूजन करें।

हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल