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ग्राम पंचायतों से 61 लाख से अधिक लोगों ने सरकारी सेवाओं का लाभ लिया

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ग्राम पंचायतों से 61 लाख से अधिक लोगों ने सरकारी सेवाओं का लाभ लिया


ग्राम पंचायतों से 61 लाख से अधिक लोगों ने सरकारी सेवाओं का लाभ लिया


ग्राम पंचायतों से 61 लाख से अधिक लोगों ने सरकारी सेवाओं का लाभ लिया


-डिजिटल सेवा सेतु के लिए 14 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में मिलती हैं लगभग 321 नागरिक-केन्द्रित सेवाएँ

गांधीनगर, 16 अप्रैल (हि.स.)। डिजिटल सेवा सेतु गुजरात सरकार द्वारा समग्र राज्य में एक सुदृढ़ ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क स्थापित कर ग्रामीण स्तर तक सरकारी सेवाएँ पहुँचाने की पहल है। हाल में डिजिटल सेवा सेतु पोर्टल पर 321 प्रकार के प्रमाणपत्र/सेवाएँ उपलब्ध हैं, जिसका लाभ पिछले 2 वर्ष में 61 लाख से अधिक लोगों ने लिया है। राज्य सरकार की तरफ से जारी की गई जानकारी में यह बताया गया है।

गुजरात सरकार की डिजिटल सेवा सेतु पहल के कारण राज्य के सुदूरवर्ती-आंतरिक गाँवों में रहने वाले व्यक्ति को भी नागरिक-केन्द्रित सेवाएँ ऑनलाइन मिल रही हैं। राज्य के सुदूरवर्ती-आंतरिक क्षेत्रों में बसे लोगों को सरकारी सेवाएँ पाने में कठिनाई न हो; यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अक्टूबर-2020 में डिजिटल सेवा सेतु पोर्टल लॉन्च किया गया था। इस पोर्टल द्वारा तहसील एवं जिला स्तरीय सेवा केन्द्रों पर उपलब्ध सेवाएँ ग्रामीण स्तर पर आम नागरिकों को उनकी सुविधा के अनुसार तथा ग्राम पंचायत से ही साधारण शुल्क पर प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। डिजिटल सेवा सेतु के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को सरकारी सेवाएँ अधिक पारदर्शी ढंग से, सरलता से तथा तेजी से उपलब्ध हुई हैं; जो उसे डिजिटल क्रांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बनाता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा देश की सभी ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के उद्देश्य से भारतनेट परियोजना को क्रियान्वित किया गया है। गुजरात के सुशासन में नूतन प्रयास के रूप में राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने भारतनेट प्रोजेक्ट अंतर्गत ग्राम पंचायतों को फाइबर नेटवर्क के साथ जोड़कर डिजिटल सेवा सेतु का नया दृष्टिकोण अपनाया था। गुजरात सरकार के आधिकारिक सूत्र के अनुसार भारतनेट प्रोजेक्ट अंतर्गत ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क द्वारा राज्य के 8000 से अधिक गाँवों में 100 एमबीपीएस हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा मिली है, जिससे तहसील एवं जिला स्तरीय सेवा केन्द्रों पर उपलब्ध सेवाएँ ग्राम पंचायत में ही साधारण शुल्क पर प्रदान की जा रही हैं। इसके अंतर्गत नाम जोड़ने, नाम हटाने या राशन कार्ड में सुधार अथवा डुप्लिकेट राशन कार्ड, आय प्रमाणपत्र, वरिष्ठ नागरिक प्रमाणपत्र, क्रीमीलेयर प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र आदि जैसी सेवाएँ ग्राम पंचायत कार्यालय से ही डिजिटल सेवा सेतु के माध्यम से केवल 20 रुपए की फीस चुकाकर उपलब्ध हुई हैं।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में भारतनेट फेज-2 नेटवर्क का उपयोग कर डिजिटल सेवा सेतु प्लेटफॉर्म ने लगभग 1.57 करोड़ ग्रामीण निवासियों को 321 सेवाओं का लाभ दिया है। हाल ही में गुजरात में ग्राम पंचायतों को 20 रुपए के शुल्क पर 14 प्रमाणपत्र जारी करने का अधिकार दिया गया है। इनमें आय प्रमाणपत्र, राशन कार्ड में संशोधन आदि शामिल हैं। इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को प्रमाणपत्रों, दस्तावेजों आदि रोजमर्रा की सेवाओं के लिए तहसील या जिला कार्यालयों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और साथ ही उनका समय एवं यात्रा किराया खर्च भी बचेगा। इस पहल अंतर्गत राज्य की 248 तहसीलों की 14112 ग्राम पंचायतों को समाविष्ट किया गया है।

डिजिटल सेवा सेतु की सफलता के आँकड़े देखें, तो वर्ष 2023-24 में कुल 27,13,079 लोगों तथा 2024-25 में कुल 34,99,261 लोगों ने ग्राम पंचायतों से विभिन्न सरकारी सेवाओं का लाभ लिया है। हाल में डिजिटल सेवा सेतु पोर्टल पर 321 प्रकार के प्रमाणपत्र/सेवाएँ उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त; सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग (एसजेईडी) के 18 प्रमाणपत्र या सेवाएँ शीघ्र शुरू किए जाएंगे। डिजिटल सेवा सेतु के क्रियान्वयन से समय, धन एवं कागज की बचत हुई है और ग्रामीण कम्प्यूटर उद्यमियों (वीसीई) के जरिये रोजगार का सृजन हुआ है।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय