राष्ट्रपतियों से नैनीताल का रहा विशेष संबंध, अब द्रौपदी मुर्मू करेंगी प्रवास
नैनीताल, 2 नवंबर (हि.स.)। सरोवर नगरी नैनीताल का देश के राष्ट्रपतियों से आजादी प्राप्त किये वर्षों जितना पुराना संबंध रहा है। भारत गणतंत्र की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 3 व 4 नवम्बर 2025 को दो दिवसीय प्रवास पर नैनीताल आ रही हैं। इससे पूर्व देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद भी 1959 में नैनीताल आये थे। इस दौरान उन्होंने बाल विद्या मंदिर का शुभारंभ किया था, और डीएसए मैदान में उनका अभिनंदन किया गया था। उनके बाद देश के चौथे राष्ट्रपति वराह वेंकट गिरि भी नैनीताल आये थे। बताया जाता है कि ज्ञानी जैल सिंह का भी 21 से 25 जून 1986 के बीच नैनीताल प्रवास का कार्यक्रम बना था।
इनके अतिरिक्त पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का नैनीताल से संबंध विशेष रूप से प्रेरणादायी रहा। भारत रत्न सम्मान से विभूषित ‘मिसाइल मैन’ के नाम से प्रसिद्ध कलाम 9 व 10 अगस्त 2011 को नैनीताल प्रवास पर आये थे। इस दौरान उन्होंने कुमाऊं विवि के 11वें दीक्षांत समारोह में शामिल होकर दीक्षांत भाषण दिया था और नगर के सेंट मेरीज कान्वेंट हाई स्कूल में बच्चों के साथ संवाद कर उन्हें असंभव कल्पनाएं करने तथा उन्हें साकार करने की प्रेरणा दी थी। उन्होंने बच्चों से कहा था कि ‘मुझे कुछ लेना है’ के बजाय ‘मुझे देश को कुछ देना है’ का भाव रखें।
जबकि कुमाऊं विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे ग्राहम बेल, सीवी रमन, रामानुजम, राइट बंधुओं, एडीसन, हार्डी और प्रो. चंद्रशेखर की भांति अद्वितीय बनने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि महानता पाने के लिए ऊंचे लक्ष्य, सतत अध्ययन, कठिन परिश्रम और दृढ़ निश्चय आवश्यक हैं। डॉ. कलाम ने इस दौरान विद्यार्थियों को देश के ‘विजन-2020’ के अंतर्गत उत्तराखंड को भी योगदान देने की प्रेरणा भी दी थी।
उन्होंने कहा था कि उत्तराखंड राज्य को अपनी प्रति व्यक्ति आय तीन गुना बढ़ानी होगी, साक्षरता दर को 90 प्रतिशत तक पहुंचाना होगा, पर्यटन को प्रोत्साहित करना होगा और पर्यावरण संरक्षण के साथ ‘कार्बन न्यूट्रल राज्य’ बनने की दिशा में कार्य करना होगा। उनके विचारों से प्रेरित बालिकाओं ने उन्हें स्नेहपूर्वक ‘काका कलाम’ कहकर संबोधित किया था। अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह दो दिवसीय नैनीताल प्रवास इस ऐतिहासिक कड़ी को आगे बढ़ाएगा। उनके आगमन से नैनीताल पुनः राष्ट्रीय स्तर पर गौरव का केंद्र बनने जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
