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राष्ट्रीय अंगदान दिवस : पिछले सात वर्षों में गुजरात में 657 अंगदाताओं से कुल 2039 अंगों का मिला दान

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राष्ट्रीय अंगदान दिवस : पिछले सात वर्षों में गुजरात में 657 अंगदाताओं से कुल 2039 अंगों का मिला दान


राष्ट्रीय अंगदान दिवस : पिछले सात वर्षों में गुजरात में 657 अंगदाताओं से कुल 2039 अंगों का मिला दान


राष्ट्रीय अंगदान दिवस : पिछले सात वर्षों में गुजरात में 657 अंगदाताओं से कुल 2039 अंगों का मिला दान


राष्ट्रीय अंगदान दिवस : पिछले सात वर्षों में गुजरात में 657 अंगदाताओं से कुल 2039 अंगों का मिला दान


गांधीनगर, 03 अगस्त (हि.स.)। गुजरात महान दानवीर भामाशाओं की धरती है। दान की यह प्राचीन परंपरा आधुनिक काल में भी अपने स्वरूप में कायम है। इसी दान-संस्कृति के कारण अंगदान के मामले में भी गुजरात राज्य अग्रणी बना है। पिछले सात वर्षों में गुजरात में 657 अंगदाताओं से कुल 2039 अंगों का दान मिला। अंगदान के क्षेत्र में गुजरात ने गौरवपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल करते हुए तीन पुरस्कार प्राप्त किए हैं। राज्य का स्वास्थ्य विभाग अंगदान और ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रहा है।

शनिवार 0 2 अगस्त को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने गुजरात को अंगदान और ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए तीन-तीन पुरस्कार प्रदान किए गए। इनमें गुजरात सरकार को ‘एक्सीलेंस इन प्रमोशन ऑफ ऑर्गन डोनेशन’, न्यू सूरत सिविल अस्पताल को ‘सर्वश्रेष्ठ गैर-ट्रांसप्लांट ऑर्गन पुनर्प्राप्ति केंद्र’ और अहमदाबाद के सिविल मेडिसिटी स्थित किडनी इंस्टिट्यूट को ‘ट्रांसप्लांट करने वाले देश के सर्वश्रेष्ठ अस्पताल’ की श्रेणी में पुरस्कार मिले हैं।

गुजरात में अंगदान की मुहिम अब एक आंदोलन का रूप ले चुकी है। राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ राज्य की सामाजिक व स्वैच्छिक संस्थाएं भी अंगदान को लेकर जनजागरूकता के लिए लगातार सहयोग कर रही हैं। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2019 में एसओटीटीओ(स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन) की स्थापना के बाद अंगदान और ट्रांसप्लांट की दिशा में विशेष प्रयास शुरू किए गए।

इसी के परिणामस्वरूप पिछले सात वर्षों में गुजरात में 657 अंगदाताओं से कुल 2039 अंगों का दान प्राप्त हुआ है। लोगों में अंगदान को लेकर लगातार जागरूकता बढ़ रही है, जिससे अंगदान करने वाले परिवारों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। यदि राज्यभर में हुए अंगदान की बात करें तो 657 अंगदाताओं से कुल 2039 अंग प्राप्त हुए हैं, जिनका सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया गया है।

अब तक अंगदान के माध्यम से यानी 30 जून 2025 तक, 1130 किडनी, 566 लिवर, 147 हृदय, 136 फेफड़े, 31 हाथ, 19 पैंक्रियाज़ और 10 छोटी आंतें प्राप्त हुई हैं, जिसके परिणामस्वरूप हजारों लोगों को नया जीवन मिल सका है। सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध अत्याधुनिक सुविधाओं और जनसहयोग के समन्वय से पिछले सात वर्षों में अंगदान की अनेक ऊँचाइयों को छुआ गया है।

स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने विश्व अंगदान दिवस के अवसर पर गुजरात की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि अंगदान के लिए केवल जागरूकता ही नहीं, बल्कि परिणामकारी प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए चिकित्सकों की अथक मेहनत, मीडिया का सहयोग और सेवा-भावी संस्थाओं के जनजागरूकता प्रयासों के चलते आज अंगदान की यह पहल एक जनआंदोलन बन चुकी है। यह जनआंदोलन है–एक जीवन से दूसरे जीवन को बचाने का।

स्वास्थ्य मंत्री पटेल ने कहा कि राज्य में ऐसी स्थिति बने कि जीवित व्यक्ति को किसी जरूरतमंद को अंग न देना पड़े और अंग प्रत्यारोपण के लिए प्रतीक्षा की अवधि कम हो–इस दिशा में सरकार, समाज और सेवाभावी संस्थाएं मिलकर प्रयास कर रही हैं। अंगदान के क्षेत्र में गुजरात की उपलब्धियाँ प्रत्येक गुजराती को गर्व की अनुभूति कराती हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / Abhishek Barad