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छत्तीसगढ़ की रामानुजगंज वन वाटिका : हरियाली, चुनौतियाँ और संरक्षण की पुकार

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छत्तीसगढ़ की रामानुजगंज वन वाटिका : हरियाली, चुनौतियाँ और संरक्षण की पुकार


छत्तीसगढ़ की रामानुजगंज वन वाटिका : हरियाली, चुनौतियाँ और संरक्षण की पुकार


बलरामपुर, 16 अक्टूबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के जिले के बलरामपुर शहर के बीचोबीच स्थित वन वाटिका अब रामानुजगंज के लोगों और पर्यटकों के लिए सबसे पसंदीदा हरित स्थल बन चुकी है। यह जगह केवल घूमने के लिए नहीं, बल्कि बच्चों के खेल और प्रकृति के करीब आने का अद्भुत स्थल भी है। लेकिन पार्क की सुंदरता के बीच रखरखाव और स्वच्छता की चुनौतियाँ भी नजर आ रही हैं, जो स्थानीय प्रशासन और समुदाय की साझा जिम्मेदारी बनती हैं।

वन वाटिका में घने पेड़, रंग-बिरंगे फूल, बच्चों के झूले और ट्रैकिंग पथ बनाए गए हैं। यह पार्क न केवल प्राकृतिक हरियाली का अनुभव देता है बल्कि स्थानीय लोगों के लिए मनोरंजन, योग और सुबह-शाम की सैर का केंद्र भी है। स्थानीय निवासी कहते हैं कि पार्क की देखभाल और स्वच्छता में सुधार हो तो यह रामानुजगंज का प्रमुख ग्रीन हब बन सकता है।

वन विभाग ने पार्क को सुरक्षित, स्वच्छ और पर्यावरणीय शिक्षा केंद्र बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं।

वनमण्डलाधिकारी आलोक कुमार वाजपेयी ने बताया कि, वन वाटिका केवल मनोरंजन स्थल नहीं है, बल्कि पर्यावरणीय शिक्षा और जागरूकता का केंद्र भी है। जल्द ही पौधारोपण, कचरा संग्रहण और सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर किया जाएगा। पार्क में पौधारोपण अभियान, ट्रैकिंग पथ की मरम्मत और बेंचों की सफाई जैसी गतिविधियाँ नियमित रूप से चल रही हैं।

स्थानीय समाजसेवी मोनिका अग्रवाल बताती हैं कि यह पार्क बच्चों और परिवारों के लिए आनंददायक है, लेकिन कचरे और टूटी बेंचों की वजह से इसका सौंदर्य बिगड़ रहा है। अगर सही देखभाल की जाए, तो यह पूरे जिले का गौरव बन सकता है।

स्थानीय शिक्षक विजय बेक ने कहा कि बच्चे यहाँ आकर सिर्फ पेड़-पौधे नहीं देखते, बल्कि प्रकृति और पर्यावरण के महत्व को भी समझते हैं। यह पार्क हमारे इलाके का पर्यावरणीय प्रतीक बन सकता है, अगर प्रशासन और नागरिक मिलकर काम करें।”

चुनौतियाँ और सुधार की दिशा

प्लास्टिक और अन्य कचरे के उचित निपटान की व्यवस्था, टूटी बेंचें, फूटपाथ और प्रकाश व्यवस्था की मरम्मत आवश्यक, शाम के समय लाइटिंग बढ़ाई जाए ताकि परिवार सुरक्षित महसूस करें, पर्यावरणीय शिक्षा और पौधारोपण अभियान में स्थानीय स्कूल और युवा वर्ग की भागीदारी। वन विभाग और स्थानीय समुदाय के सहयोग से यह पार्क पर्यावरणीय चेतना और हरित पर्यटन का मॉडल बन सकता है।

उल्लेखनीय है कि रामानुजगंज वन वाटिका न केवल हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक है, बल्कि स्थानीय पर्यावरणीय चेतना और शिक्षा का केंद्र भी है। सिर्फ उचित रखरखाव, साफ-सफाई और सक्रिय सहभागिता से यह पार्क शहर का गर्व, पर्यटन आकर्षण और सीखने का केंद्र बन सकता है। हर पौधा और हर कदम पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की कहानी कहते हैं और रामानुजगंज वन वाटिका इसे जीता-जागता उदाहरण पेश करती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय