आईआईटी बीएचयू के शोधकर्ताओं ने पोर्टेबल कर्ब-ड्राउनिंग मॉनिटरिंग सिस्टम किया विकसित


_ तैराकों और मछुआरों की जीवनरक्षा के लिए तैयार किया गया
वाराणसी, 03 जून (हि,स,)। तैराकों और मछुआरों के जीवनरक्षा के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बीएचयू के कंप्यूटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग ने बड़ी पहल की है। विभाग के डॉ. प्रसेनजीत चानक के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की टीम ने एक पोर्टेबल कर्ब-ड्राउनिंग मॉनिटरिंग सिस्टम सफलतापूर्वक विकसित किया है, जो तैराकों और मछुआरों की जीवनरक्षा में काम आएगा।
यह अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरण रीयल-टाइम सेंसर और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करता है, जो डूबने की आशंका के प्रारंभिक संकेतों का पता लगाकर अलर्ट भेजता है, जिससे समय रहते मदद पहुंचाई जा सके। यह कॉम्पैक्ट, बैटरी से संचालित और उपयोग में आसान प्रणाली विशेष रूप से तैराकी और मछली पकड़ने जैसी गतिविधियों में संलग्न लोगों के लिए तैयार की गई है और यह हृदय गति, स्थान और जल में गहराई जैसे स्वास्थ्य संकेतकों की निरंतर निगरानी करती है। सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रसेनजीत चानक ने बताया कि यदि डूबने या संकट की स्थिति के संकेत मिलते हैं, तो यह प्रणाली निकटवर्ती राहतकर्ताओं या मोबाइल डिवाइस को तुरंत अलर्ट भेजती है। हमारा उद्देश्य एक ऐसा विश्वसनीय और सुलभ सुरक्षा उपकरण प्रदान करना है जो जल आधारित जोखिम वाले वातावरण में जीवन बचाने में सहायक हो। उन्होंने बताया कि यह डिवाइस उपयोगकर्ताओं के स्वास्थ्य प्रदर्शन का दैनिक और साप्ताहिक डेटा भी संग्रहित करता है, जो दीर्घकालिक सुरक्षा के लिए उपयोगी जानकारी प्रदान करता है। यह प्रणाली बच्चों और बुजुर्गों जैसे संवेदनशील समूहों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, जिन्हें तैराकी के दौरान अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है।
यह नवाचार मछुआरों की सुरक्षा में भी विशेष भूमिका निभा सकता है, विशेष रूप से चक्रवात जैसे गंभीर मौसम के समय। इस उपकरण से मछली उद्योग की स्थिरता और लचीलापन बढ़ाया जा सकेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी