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पवई वाटरफॉल : बलरामपुर का छिपा स्वर्ग, जहां खुद गुनगुनाती है प्रकृति

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पवई वाटरफॉल : बलरामपुर का छिपा स्वर्ग, जहां खुद गुनगुनाती है प्रकृति


पवई वाटरफॉल : बलरामपुर का छिपा स्वर्ग, जहां खुद गुनगुनाती है प्रकृति


बलरामपुर, 11 अक्टूबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के उत्तर अंचल में बसा बलरामपुर जिला प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। इसी जिले के घने जंगलों के बीच बसा पवई वाटरफॉल आज लोगों का नया आकर्षण बन गया है। ऊंची पहाड़ियों से गिरता यह झरना जब नीचे की चट्टानों से टकराता है, तो पानी की फुहारें इंद्रधनुष बनाकर प्रकृति की अद्भुत कला का एहसास कराती हैं।

करीब 70 फीट ऊंचाई से गिरने वाला यह झरना चारों ओर हरे पेड़ों और चट्टानों से घिरा है। बारिश के मौसम में इसकी सुंदरता अपने चरम पर होती है। यहां पहुंचने वाले सैलानियों का कहना है कि झरने की गूंज और ठंडी बौछारें हर तनाव को दूर कर देती हैं।

ग्रामीणों की शान, सैलानियों का नया अड्डा

स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि पहले यह जगह सिर्फ आसपास के लोगों तक सीमित थी, लेकिन अब यहां फोटो शूट, रील और ट्रेकिंग करने वालों की संख्या बढ़ गई है। स्थानीय ग्रामीण रामनाथ सिंह कहते हैं कि, पहले यहां लोग बहुत कम आते थे, लेकिन अब हर रविवार को दर्जनों वाहन पहुंचते हैं। अगर सरकार थोड़ी सुविधा दे दे, तो यह जगह पूरे सरगुजा संभाग का पर्यटन हब बन सकती है।”

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन भी अब पवई वाटरफॉल को विकसित करने की योजना बना रहा है। जिला पर्यटन अधिकारी राकेश चौबे ने बताया कि, पवई वाटरफॉल एक प्राकृतिक धरोहर है। विभाग जल्द ही यहां सड़क सुधार, पार्किंग, व्यू पॉइंट और सुरक्षा बैरिकेडिंग जैसी सुविधाएं विकसित करने की योजना पर काम कर रहा है। हमारा उद्देश्य इसे बलरामपुर का प्रमुख इको-टूरिज्म पॉइंट बनाना है।”

आसान पहुंच, यादगार अनुभव

बलरामपुर नगर से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित यह झरना तकरीबन एक घंटे की दूरी पर है। रास्ते में पहाड़ियों की ठंडी हवा और जंगलों का सुकून भरा नजारा किसी रोमांच से कम नहीं। कई युवा इसे “मिनी अमरकंटक” कहकर पुकारते हैं।

प्राकृतिक रूप से समृद्ध इस इलाके में पर्यटन के कई अवसर हैं। यदि बुनियादी सुविधाएं मिलें, तो यह झरना न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पड़ोसी राज्यों से भी पर्यटकों को आकर्षित कर सकता है।

पवई वाटरफॉल केवल एक झरना नहीं बल्कि प्रकृति, रोमांच और शांति का संगम है। प्रशासन की थोड़ी सी पहल और स्थानीय लोगों के सहयोग से यह स्थान बलरामपुर की पहचान और रोजगार का मजबूत केंद्र बन सकता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय