पंजाब के दो प्रवासी श्रमिकों की हत्या का जिम्मेदार आतंकवादी श्रीनगर में गिरफ्तार
- पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के साथ मिलकर रची थी इस हमले की साजिश
श्रीनगर, 13 फरवरी (हि.स.)। श्रीनगर में पिछले सप्ताह पंजाब के दो प्रवासी श्रमिकों की हत्या के लिए जिम्मेदार एक आतंकवादी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस हमले में एक श्रमिक की मौत मौके पर हो गई थी, जबकि दूसरे ने इलाज के दौरान श्रीनगर के अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
एडीजीपी विजय कुमार और आईजीपी वीके बिदरी ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि 6 दिनों के भीतर इस हमले के लिए जिम्मेदार एक आतंकवादी को श्रीनगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।उन्होंने कहा कि 7 फरवरी को लगभग 7 बजे अज्ञात आतंकवादियों ने शाला कदल, शहीद गंज श्रीनगर में अमृतसर के दो प्रवासी श्रमिकों पर गोलियां चला दीं। इस घटना में चमायारी निवासी अमृतपाल सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। उसके साथी रोहित मासी को पहले एसएमएचएस अस्पताल और फिर एसकेआईएमएस सौरा श्रीनगर ले जाया गया। रोहित मासी ने अस्पताल में इलाज के दौरान 8 फरवरी को दम तोड़ दिया।
उन्होंने बताया कि मामला इस संदर्भ में श्रीनगर के पुलिस स्टेशन शहीद गंज में मामला दर्ज करके पुलिस ने जांच शुरू की। जांच के दौरान आतंकवादी हमले को अंजाम देने वाले की पहचान हो गई। श्रीनगर पुलिस ने कुछ संदिग्धों पर ध्यान केंद्रित किया और बाद में पुख्ता सबूतों के आधार पर मुख्य आरोपित ज़ाल्डागर श्रीनगर निवासी आदिल मंज़ूर लंगू को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान सामने आया कि उसने पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के साथ मिलकर इस हमले की साजिश रची थी।
पुलिस के अनुसार आदिल मंज़ूर लंगू को पाकिस्तानी हैंडलर ने सोशल मीडिया के जरिये उसे कट्टरपंथी बनाया और हथियार उपलब्ध कराने के बाद हमले को अंजाम देने के लिए प्रेरित किया। इसी के बाद उसने श्रीनगर में शाला कदल की गलियों में पंजाब के दोनों प्रवासी श्रमिकों पर गोलियां चला दीं, जिसके परिणामस्वरूप दोनों की मौत हो गई। आतंकी संगठन टीआर ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए डीआईजी सीकेआर ने एसपी साउथ की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया है और आगे की जांच तेजी से की जा रही है। एक सवाल के जवाब में एडीजीपी विजय कुमार ने कहा कि अकेले श्रीनगर जिले में काफी संख्या में आतंकवादियों को मार गिराया गया है लेकिन आज केवल एक आतंकवादी जीवित बचा है, जबकि जम्मू-कश्मीर में 25 स्थानीय और 25-30 विदेशी आतंकवादी सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां आने वाले समय में आतंकवाद विरोधी अभियानों में तेजी लाएंगी।
हिन्दुस्थान समाचार/बलवान/सुनीत