Newzfatafatlogo

TRF फंडिंग का बड़ा खुलासा: NIA ने पाकिस्तान और मलेशिया के कनेक्शन का किया पर्दाफाश

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) की फंडिंग के पीछे पाकिस्तान और मलेशिया के संबंधों का खुलासा किया है। जांच में यह सामने आया है कि TRF को वित्तीय सहायता खाड़ी देशों और मलेशिया से मिल रही थी, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाना था। एनआईए ने इस साजिश के पीछे एक संगठित नेटवर्क के सबूत प्राप्त किए हैं और अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की गतिविधियों को उजागर करने की तैयारी कर रहा है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
 | 
TRF फंडिंग का बड़ा खुलासा: NIA ने पाकिस्तान और मलेशिया के कनेक्शन का किया पर्दाफाश

TRF फंडिंग का खुलासा

TRF फंडिंग: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) की फंडिंग से जुड़ी एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। जांच में यह सामने आया है कि पाकिस्तान, खाड़ी देशों और मलेशिया से जम्मू-कश्मीर में TRF के नेटवर्क को वित्तीय सहायता दी जा रही थी। इस फंडिंग का उद्देश्य आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देना और जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता फैलाना था.


फंडिंग चैनल का खुलासा

एनआईए ने इस साजिश के पीछे एक संगठित नेटवर्क के सबूत प्राप्त किए हैं। एजेंसी के अनुसार, केवल 463 फोन कॉल्स के आधार पर फंडिंग चैनल का पूरा कनेक्शन उजागर हुआ है। विशेष रूप से, मलेशिया में रहने वाले यासिर हयात के माध्यम से लगभग 9 लाख रुपये TRF तक पहुंचे। एनआईए ने मोबाइल डेटा, बैंक ट्रांजैक्शंस और सोशल मीडिया चैट्स के आधार पर इस पूरे मॉड्यूल की जांच की है.


मलेशिया से भेजा गया धन

मलेशिया से भेजा गया पैसा

एनआईए की रिपोर्ट के अनुसार, यासिर हयात ने मलेशिया से जुटाए गए धन को जम्मू-कश्मीर में TRF के कार्यकर्ता शफात वानी को सौंपा। शफात वानी TRF से जुड़ा हुआ है और उसने मलेशिया की यात्रा भी की थी। जांच में यह भी सामने आया है कि शफात वानी और यासिर हयात खाड़ी देशों के माध्यम से पाकिस्तान के नेटवर्क से लगातार संपर्क में थे.


साजिद मीर से संबंध

साजिद मीर से जुड़े तार

जांच एजेंसी के अनुसार, इस फंडिंग नेटवर्क का सीधा संबंध लश्कर-ए-तैयबा के मोस्ट वांटेड आतंकवादी साजिद मीर से है। एनआईए ने इस मामले में मिले सबूतों के आधार पर दावा किया है कि TRF के माध्यम से भारत के खिलाफ एक 'गुप्त आतंक साजिश' रची जा रही थी.


एनआईए की कार्रवाई

एनआईए की छापेमारी और दस्तावेज

पिछले महीने श्रीनगर और हंडवाड़ा में विदेशी फंडिंग की जांच के लिए एनआईए ने कई स्थानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान आतंकवादी फंडिंग से जुड़े बैंक खातों, लेन-देन के रिकॉर्ड और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए। यह मामला मई 2025 में जम्मू-कश्मीर पुलिस से सीधे एनआईए को सौंपा गया था.


पाकिस्तान का पर्दाफाश

पाकिस्तान को बेनकाब करने की तैयारी

एनआईए की जांच ने यह भी उजागर किया है कि यासिर हयात TRF के लिए फंड जुटाने के उद्देश्य से दो पाकिस्तानी नागरिकों के संपर्क में था। इस खुलासे के बाद भारत अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की गतिविधियों को उजागर करने की योजना बना रहा है। विशेष रूप से FATF (Financial Action Task Force) के सामने ये सबूत पेश कर पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों में भूमिका को दुनिया के सामने लाया जाएगा.