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Trump और Putin की अलास्का बैठक: क्या है भारत पर प्रभाव?

डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई बैठक ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया। इस मुलाकात का भारत पर टैरिफ के माध्यम से संभावित प्रभाव और रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में कोई ठोस समझौता न होने की स्थिति पर चर्चा की गई। ट्रंप ने आगे की रणनीति के लिए यूक्रेनी राष्ट्रपति और NATO नेताओं से सलाह लेने की योजना बनाई है। बैठक के परिणामों पर अनिश्चितता बनी हुई है, और यूक्रेन की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।
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Trump और Putin की अलास्का बैठक: क्या है भारत पर प्रभाव?

Trump-Putin Summit: एक महत्वपूर्ण बैठक

Trump Putin Alaska Summit : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई बहुप्रतीक्षित बैठक ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया। यह मुलाकात न केवल अमेरिका और रूस के लिए, बल्कि यूरोप, यूक्रेन और भारत जैसे देशों के लिए भी महत्वपूर्ण थी। हालांकि, इस बैठक को 'उपयोगी' माना गया, लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में कोई ठोस समझौता नहीं हो सका। दोनों नेताओं ने बातचीत को सकारात्मक बताया, लेकिन युद्ध को समाप्त करने या कम करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।


भारत पर टैरिफ का प्रभाव

भारत पर अधिक टैरिफ का असर
इस बैठक का भारत पर भी प्रभाव पड़ सकता है। हाल ही में, ट्रंप ने भारत के कुछ महत्वपूर्ण आयातों पर 50 प्रतिशत तक के भारी टैरिफ लगाए हैं, जो अन्य एशियाई देशों की तुलना में काफी अधिक हैं। विशेष रूप से, भारत द्वारा रूस से खरीदे जाने वाले कच्चे तेल पर अमेरिका ने पहले ही 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगा रखा है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये टैरिफ भारत के निर्यात को नुकसान पहुंचा सकते हैं और देश के जीडीपी का लगभग 1% खतरे में डाल सकते हैं।


आगे की रणनीति पर चर्चा

जेलेंस्की और NATO से सलाह
डोनाल्ड ट्रंप ने बैठक के बाद कहा कि बातचीत में कुछ प्रगति हुई है, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला। उन्होंने आगे की रणनीति तय करने के लिए यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की और NATO नेताओं से सलाह लेने की योजना बनाई है। हालांकि, उन्होंने बातचीत के किसी विशेष बिंदु का खुलासा नहीं किया।


भारत को राहत की उम्मीद नहीं

टैरिफ में कोई राहत नहीं
बैठक के बाद, ट्रंप ने संकेत दिया कि उन्होंने चीन पर रूसी तेल खरीदने के लिए नए टैरिफ लगाने की योजना को टाल दिया है। हालांकि, उन्होंने भारत का कोई उल्लेख नहीं किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका की नजर में भारत को राहत देने का कोई इरादा नहीं है।


पुतिन की ट्रंप की सराहना

पुतिन ने ट्रंप की प्रशंसा की
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने ट्रंप की तारीफ करते हुए कहा कि बातचीत का माहौल 'मैत्रीपूर्ण' और सम्मानजनक था। हालांकि, ट्रंप ने रूस द्वारा यूक्रेन में नागरिकों की हत्याओं पर कोई टिप्पणी नहीं की, जिस पर पश्चिमी देशों की कड़ी आलोचना होती है।


बैठक के परिणामों पर अनिश्चितता

बैठक के नतीजों पर सस्पेंस
हालांकि दोनों नेताओं ने बैठक को 'सकारात्मक' बताया, लेकिन न तो किसी समझौते की घोषणा हुई और न ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोई नया या ठोस बयान सामने आया। पूरी बातचीत और प्रेस वार्ता केवल 15 मिनट तक चली, जिसमें सामान्य कूटनीतिक बातें की गईं। इससे यह स्पष्ट हो गया कि दोनों पक्षों के बीच कई मुद्दों पर बड़ा फासला बना हुआ है।


त्रिपक्षीय बैठक की संभावना

संभावित त्रिपक्षीय बैठक
ट्रंप ने कहा कि वे एक त्रिपक्षीय बैठक की तैयारी कर सकते हैं, जिसमें वे स्वयं, पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की शामिल हो सकते हैं। हालांकि, उन्होंने इस बैठक के आयोजन की तारीख या स्थान का उल्लेख नहीं किया। दूसरी ओर, पुतिन ने ज़ेलेंस्की से किसी भी सीधी मुलाकात की बात नहीं की, लेकिन उम्मीद जताई कि यूक्रेन और उसके सहयोगी देश इस वार्ता को सकारात्मक रूप से लेंगे।


यूक्रेन की प्रतिक्रिया का इंतजार

यूक्रेन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं
यह बैठक ऐसे समय पर हुई जब रूस-यूक्रेन युद्ध को कई साल हो चुके हैं, और यह ट्रंप और पुतिन की पहली आमने-सामने मुलाकात थी। हालांकि, अब तक यूक्रेन सरकार की ओर से इस बैठक पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे यह देखना दिलचस्प होगा कि ज़ेलेंस्की इस प्रस्तावित त्रिपक्षीय वार्ता को कैसे लेते हैं।