उज्जैनः महाकालेश्वर मंदिर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया महाशिवरात्रि पर्व
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-रात 10 बजे तक तीन लाख से अधिक भक्तों ने किए भगवान महाकालेश्वर के दर्शन
उज्जैन, 26 फरवरी (हि.स.)। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों भगवान महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में बुधवार को महाशिवरात्रि का महापर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। सुबह से यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। मंदिर प्रबंध समिति ने श्रद्धालुओं को कम समय में भगवान महाकाल के सुखद, सरल दर्शन कराने की व्यवस्था की है। देर शाम तक यहां तीन लाख से अधिक भक्तों ने भगवान महाकालेश्वर के दर्शन कर चुके हैं। यह जानकारी महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने दी।
उन्होंने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि से पहले शिव नवरात्रि मनाई जाती है। यहां शिव नवरात्रि का यह उत्सव फाल्गुन कृष्ण पंचमी यानी 17 फरवरी से प्रारम्भ हुआ और बुधवार को यहां महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया गया। महाशिवरात्रि पर्व के दूसरे दिन 27 फरवरी को वर्ष में एक बार दोपहर में भस्म आरती होगी।
प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि महाशिवरात्रि को भगवान महाकालेश्वर के मंगल पट भस्मार्ती में प्रात 2:30 बजे खुले। भक्तों के भस्मारती की ओर बढ़ रहे उत्साह को देखते हुए महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः चलित भस्मारती में दौरान ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल की भस्मारती के दर्शन हो सके, इसलिए महाशिवरात्रि महापर्व पर भी भस्मारती में बिना पंजीयन के प्रवेश दिया गया। मंदिर के पट खुलने से लेकर चलित भस्मारती की व्यवस्था में लगभग 20 हज़ार से अधिक भक्तों ने भस्मार्ती का दर्शन लाभ लिया।
उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि पर भस्मारती उपरांत 07:30 से 08:15 दद्योदक आरती, 10:30 से 11:15 तक भोग आरती के पश्यात दोपहर 12 बजे से उज्जैन तहसील की ओर से पूजन-अभिषेक किया गया। पूजन में संभाग आयुक्त संजय गुप्ता, एडीजीपी उमेश जोगा, डीआईजी नवनीत भसीन, कलेक्टर एवं अध्यक्ष महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति नीरज कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा, तहसीलदार रुपाली जैन सम्मिलित हुए।
सायं 04 बजे होल्कर व सिंधिया स्टेट की ओर से पूजन व सायं पंचामृत पूजन के बाद भगवान महाकालेश्वर को नित्य संध्या आरती के समान गर्म मीठे दूध का भोग लगाया गया| रात्रि में सायं 08 बजे से 10 बजे तक कोटितीर्थ कुण्ड के तट पर विराजित कोटेश्वर महादेव का पूजन, सप्तधान्य अर्पण, पुष्प मुकुट श्रृंगार (सेहरा) के उपरान्त आरती की गई। इसके बाद रात्रि 11 बजे से सम्पूर्ण रात्रि प्रात: भगवान महाकालेश्वर का महाअभिषेक व पूजन चलेगा।
अभिषेक उपरांत गुरुवार को भगवान को नवीन वस्त्र धारण कराये जाकर सप्तधान्य का मुखारविंद धारण कराया जाएगा, जिसके बाद सप्तधान्य अर्पित किया जाएगा, जिसमें चावल, खडा मूग, तिल, मसूर, गेहू, जव, साल, खड़ा उडद सम्मिलित रहेंगे। महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर का श्रृंगार कर पुष्प मुकुट (सेहरा) बांधा जाएगा। भगवान महाकालेश्वर को चंद्र मुकुट, छत्र, त्रिपुंड व अन्य आभूषणों से श्रृंगारित किया जाएगा। भगवान पर न्योछावर नेग स्वरुप चांदी का सिक्का व बिल्वपत्र अर्पित की जाएगी। बाबा महाकालेश्वर की सेहरा आरती की जाएगी व भगवान को विभिन्न मिष्ठान्न, फल, पञ्च मेवा आदि का भोग अर्पित किये जाएगे। गुरुवार प्रात 06 बजे सेहरा आरती होगी।
शिव धारण करेंगे सवा मन का पुष्प मुकुट
महाकालेश्वर मंदिर में वर्ष में एक ही बार भगवान महाकाल को सवा मन का पुष्प मुकुट धारण कराया जाता है और साथ ही महाशिवरात्रि पर्व पर लगातार भगवान शिव के दर्शन दर्शनार्थियों के लिए 44 घंटे गर्भगृह के पट खुले रहते है। महाशिवरात्रि पर एक एैसा अवसर आता है जिस पर श्री महाकालेश्वर भगवान के पट मंगल नही होते है। इस पर्व पर भगवान महाकाल सवा मन का फूलों से सजा मुकुट(सेहरा) धारण करते है।
सेहरा दर्शन के उपरांत वर्ष में एक बार दिन में 12 बजे होने वाली भस्मार्ती गुरुवार को होगी। भस्मार्ती के बाद भोग आरती होगी व शिवनवरात्रि का पारणा किया जाएगा।
प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि महाकालेश्वर मन्दिर मे सुबह 2:30 बजे के पूर्व से ही भगवान महाकाल के दर्शन हेतु दर्शनार्थी गण कतारबद्ध हो गए थे। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा कम समय मे महाकालेश्वर भगवान के दर्शन हो, इसलिए चाक-चौबंद व्यवस्थाए की है। प्रातः चलित भस्मार्ती में लगभग 20 हज़ार दर्शनार्थियों ने दर्शन किये। अभी समाचार लिखने तक लगभग तीन लाख दो हज़ार 394 से अधिक दर्शनार्थियों ने भगवान महाकालेश्वर के दर्शन किये। अभी भी दर्शनार्थियों के दर्शन हेतु आने का सिलसिला लगातार जारी है। बाबा महाकाल के दर्शन हेतु मंदिर पट 27 फरवरी शयन आरती तक खुले रहेंगे। इस दौरान महाकालेश्वर मंदिर के पट लगभग 44 घण्टे खुले रहेंगे। 27 फरवरी को सायं पूजन, सायं आरती व शयन आरती के बाद भगवान महाकालेश्वर जी के पट मंगल होगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर