UNSC में भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए किया कठोर आलोचना

भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थन और आर्थिक अस्थिरता के लिए तीखे शब्दों में आलोचना की। भारत के स्थायी प्रतिनिधि, परवतनेनी हरीश ने पाकिस्तान को 'आतंकवाद और कट्टरता में डूबा हुआ देश' और 'IMF का सीरियल उधारखोर' बताया। यह बयान उस समय आया जब UNSC में शांति और बहुपक्षवाद पर उच्च स्तरीय चर्चा चल रही थी।
पाकिस्तान के बयान का जवाब
हरीश ने पाकिस्तान के पहले के बयानों का जवाब देते हुए कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप दो भिन्न दृष्टिकोणों का उदाहरण है। एक ओर भारत है, जो एक परिपक्व लोकतंत्र और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का प्रतीक है, जबकि दूसरी ओर पाकिस्तान है, जो कट्टरपंथ और आतंकवाद में लिपटा हुआ है।
ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख
भारतीय प्रतिनिधि ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी। उन्होंने कहा, 'ऐसे देशों को गंभीर कीमत चुकानी चाहिए जो अच्छे पड़ोसी व्यवहार का उल्लंघन करते हैं और सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं।'
हरीश ने बताया कि इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoJK) में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया। इसे 'फोकस्ड, मापित और गैर-उत्तेजक' कार्रवाई बताया गया।
भारत की भूमिका
हरीश ने कहा कि हाल के दशकों में संघर्षों का स्वरूप बदल गया है। अब राज्य समर्थित गैर-राज्य तत्वों, सीमा पार आतंकवाद, और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से कट्टरपंथ फैलाने जैसे खतरे सामने आ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के 80 वर्षों बाद अब यह सोचने का समय है कि बहुपक्षवाद और शांतिपूर्ण समाधान के आदर्श को हम कितना साकार कर पाए हैं।
भारत: शांति का अग्रदूत
उन्होंने दोहराया कि 'भारत हमेशा अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध रहा है।' भारत, UN शांति मिशनों में सबसे बड़ा योगदानकर्ता है और शांति अभियानों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने वाला अग्रणी देश है।
UNSC की पारदर्शिता पर चिंता
अपने संबोधन में हरीश ने संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसे दौर में हैं जब बहुपक्षीय व्यवस्था, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र की कार्यप्रणाली को लेकर गहरी शंकाएं उठ रही हैं। अंत में, हरीश ने कहा कि भारत शांतिपूर्ण विवाद समाधान और बहुपक्षवाद के जरिए वैश्विक शांति और सुरक्षा की दिशा में निरंतर कार्य करता रहेगा।