Washington D.C. में नेशनल गार्ड की सशस्त्र तैनाती: ट्रंप की कानून व्यवस्था पर नई नीति

सुरक्षा में महत्वपूर्ण बदलाव
वाशिंगटन डीसी में सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है, क्योंकि पेंटागन ने यह पुष्टि की है कि अब राजधानी में तैनात नेशनल गार्ड के जवानों को हथियारों से लैस किया जाएगा। यह आदेश अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ द्वारा जारी किया गया है। हालांकि, इस निर्णय के पीछे की रणनीति या संभावित परिणामों के बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है।
2000 से अधिक सैनिकों की तैनाती
वर्तमान में, वाशिंगटन डीसी में लगभग 2000 नेशनल गार्ड के जवान तैनात हैं, जिनमें से कई हाल ही में रिपब्लिकन शासित राज्यों से आए हैं। पहले यह नीति थी कि ये सैनिक निहत्थे गश्त करेंगे, लेकिन अब इस नीति में चुपचाप बदलाव किया गया है। मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि डीसी प्रशासन को इस बदलाव की सूचना सप्ताह की शुरुआत में दी गई थी, लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था।
ट्रंप की कानून व्यवस्था पर सख्ती
यह कदम पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कानून व्यवस्था पर सख्त नियंत्रण की नीति को दर्शाता है। ट्रंप ने लंबे समय से वाशिंगटन डीसी को डेमोक्रेटिक नेतृत्व में असफल बताते हुए इसे अपराध, गरीबी और बेघरपन से ग्रस्त बताया है। नेशनल गार्ड की सशस्त्र तैनाती को उन्होंने अपने "कानून और व्यवस्था" अभियान का हिस्सा बताया है, जिसका उद्देश्य राजधानी को फिर से सुरक्षित बनाना है।
ट्रंप का सोशल मीडिया पर दावा
पेंटागन की घोषणा से पहले ही ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस कार्रवाई को सफल बताया। उन्होंने लिखा कि वाशिंगटन डीसी फिर से सुरक्षित हो गया है! भीड़ लौट रही है, उत्साह चरम पर है और हमारे नेशनल गार्ड तथा पुलिस शानदार काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस हफ्ते राजधानी में एक भी हत्या नहीं हुई, जो इस प्रशासन की सफलता का प्रमाण है।
डीसी मेयर पर हमला
इसके अलावा, ट्रंप ने डीसी की मेयर म्यूरियल बोसर पर निशाना साधते हुए कहा कि वे झूठे और भ्रामक अपराध आंकड़े प्रस्तुत कर रही हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसा जारी रहा, तो संघीय सरकार शहर का पूरा नियंत्रण अपने हाथ में ले सकती है। ट्रंप का यह बयान संघीय हस्तक्षेप की आशंका को और बढ़ाता है।