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World No Tobacco Day: तंबाकू के खतरों से बचने के लिए उठाएं कदम

World No Tobacco Day हर साल 31 मई को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। विशेषज्ञों का कहना है कि तंबाकू का सेवन कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। WHO के अनुसार, तंबाकू हर साल 8 मिलियन से अधिक लोगों की जान लेता है। कार्यस्थल पर तंबाकू का सेवन न केवल स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न करता है, बल्कि यह आर्थिक बोझ भी बनता है। इस लेख में तंबाकू के खतरों, कार्यस्थल पर इसके प्रभावों और तंबाकू मुक्त वातावरण के महत्व पर चर्चा की गई है।
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World No Tobacco Day: तंबाकू के खतरों से बचने के लिए उठाएं कदम

तंबाकू के स्वास्थ्य पर प्रभाव

World No Tobacco Day: तंबाकू एक ऐसा पदार्थ है जो कैंसर के विकास से जुड़ा हुआ है और इसके हानिकारक प्रभावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। विशेषज्ञों का मानना है कि तंबाकू के सेवन को रोकने, समय पर जांच करने और इसे छोड़ने के उपायों को लागू करने की आवश्यकता है ताकि इसके जानलेवा प्रभावों को कम किया जा सके। तंबाकू छोड़ने से न केवल जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है, बल्कि यह एक स्वस्थ जीवनशैली की ओर भी कदम बढ़ाता है।


विश्व तंबाकू निषेध दिवस का महत्व

हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है और भविष्य की पीढ़ियों को इसके स्वास्थ्य खतरों से बचाना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 13 से 15 वर्ष के बीच 37 मिलियन बच्चे दुनिया भर में तंबाकू उत्पादों का उपयोग करते हैं। इस बढ़ते खतरे के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए WHO हर साल इस दिन को मनाता है।


तंबाकू से होने वाली मौतें

तंबाकू से होने वाली मौतें COVID से कहीं अधिक

WHO के अनुसार, तंबाकू महामारी हर साल 8 मिलियन से अधिक लोगों की जान लेती है, जो COVID-19 से होने वाली मौतों की संख्या से कहीं अधिक है। इनमें से 7 मिलियन मौतें सीधे तंबाकू के उपयोग से होती हैं, जबकि 1.3 मिलियन मौतें दूसरों द्वारा तंबाकू के धुएं के संपर्क में आने से होती हैं। विशेष रूप से निम्न और मध्य-आय वाले देशों में तंबाकू का उपयोग अधिक है, जहां स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियाँ पहले से ही दबाव में हैं।


कार्यस्थल पर तंबाकू का प्रभाव

कार्यस्थल पर तंबाकू का खतरनाक प्रभाव

तंबाकू का सेवन कार्यस्थल पर केवल एक स्वास्थ्य समस्या नहीं है, बल्कि यह छुपी हुई लागतों का कारण बनता है, जो संगठनों के लिए आर्थिक बोझ बन सकती है। बढ़ते स्वास्थ्य खर्च, बीमा प्रीमियम, कम उत्पादकता, अनुपस्थिति, और कर्मचारियों का अवसादित मानसिकता, ये सभी तंबाकू के सेवन से उत्पन्न समस्याएं हैं।


तंबाकू सेवन से जुड़ी लागतें

तंबाकू सेवन से जुड़ी कार्यस्थल लागतें

विशेषज्ञों के अनुसार, तंबाकू का सेवन करने वाले कर्मचारी अधिक ब्रेक लेते हैं और अक्सर बीमार होते हैं, जिससे उनकी रिकवरी की अवधि बढ़ जाती है। तंबाकू से संबंधित बीमारियां, जैसे कि श्वसन और हृदय रोग, कर्मचारियों की अनुपस्थिति को बढ़ाती हैं। इसके अलावा, तंबाकू का सेवन करने वाले कर्मचारियों के इलाज पर होने वाले खर्च, उच्च चिकित्सा बीमा प्रीमियम का कारण बनते हैं।


तंबाकू मुक्त कार्यस्थल का महत्व

कार्यस्थल पर तंबाकू मुक्त वातावरण का महत्व

नियमित धूम्रपान ब्रेक कार्यस्थल के माहौल को प्रभावित करते हैं, जिससे न केवल कर्मचारियों की उत्पादकता में कमी आती है, बल्कि गैर-धूम्रपान करने वाले कर्मचारियों में असंतोष भी बढ़ता है। तंबाकू मुक्त कार्यस्थल न केवल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह समता, कर्मचारी संलग्नता, और दीर्घकालिक लागत बचत को भी बढ़ावा देता है।


नियोक्ता की भूमिका

नियोक्ता के रूप में बदलाव लाना

नियोक्ता बेहतर कार्यस्थल वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। धूम्रपान मुक्त कार्यस्थल कर्मचारियों को स्वस्थ बनाए रखते हैं, उत्पादकता बढ़ाते हैं, और स्वास्थ्य देखभाल खर्चों को कम करते हैं। प्रभावी रणनीतियों में संरचित छोड़ने के कार्यक्रम, निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी, और सहायक परामर्श शामिल हैं।


निष्कर्ष

Disclaimer: ये आर्टिकल मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है, JBT इसकी पुष्टि नहीं करता है.