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Zubeen Garg की रहस्यमयी मौत: क्या यह एक सुनियोजित हत्या है?

जुबीन गर्ग की रहस्यमयी मौत के मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। उनके बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी ने आरोप लगाया है कि यह एक सुनियोजित हत्या थी। उन्होंने कहा कि जुबीन के मैनेजर और आयोजकों ने मिलकर उन्हें जहर दिया। गोस्वामी के बयान के अनुसार, जुबीन की मृत्यु से पहले का माहौल संदिग्ध था। क्या यह मामला एक हाई-प्रोफाइल आपराधिक जांच की ओर बढ़ रहा है? जानें पूरी कहानी में क्या है।
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Zubeen Garg की रहस्यमयी मौत: क्या यह एक सुनियोजित हत्या है?

Zubeen Garg की मौत का रहस्य

Zubeen Garg Death Mystery: प्रसिद्ध गायक और आइकन जुबीन गर्ग की रहस्यमयी मृत्यु के मामले में एक नया और चौंकाने वाला मोड़ आया है। उनके करीबी बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी ने यह आरोप लगाया है कि जुबीन की मौत एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश थी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जुबीन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और फेस्टिवल आयोजक श्यामकानु महांता ने मिलकर उन्हें जहर दिया और उनकी मौत को एक हादसे के रूप में पेश करने की कोशिश की।


गोस्वामी ने गवाह के रूप में दिए गए बयान में कहा कि जुबीन की मृत्यु से पहले शर्मा का व्यवहार संदिग्ध था। इसके अलावा, शर्मा के खिलाफ पहले से ही हत्या, आपराधिक साजिश और गैर-इरादतन हत्या के आरोपों में एफआईआर दर्ज है। अब यह मामला एक हाई-प्रोफाइल आपराधिक जांच की दिशा में बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है।


क्या है पूरा मामला?

गोस्वामी ने बताया कि जुबीन और वे सिंगापुर में पैन पैसेफिर होटल में ठहरे थे। वहां से एक यॉट यात्रा के दौरान, मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा ने जबरन यॉट का नियंत्रण कैप्टन से छीन लिया, जिससे नाव समुद्र में खतरनाक तरीके से डगमगाने लगी। गोस्वामी के अनुसार, इस हरकत ने सभी की जान को खतरे में डाल दिया था।


गोस्वामी का बयान

गवाही में सबसे चौंकाने वाला दावा तब आया जब गोस्वामी ने कहा कि जुबीन के डूबने की स्थिति में होने के बावजूद मैनेजर शर्मा चिल्ला रहा था कि 'जाबो दे, जाबो दे' (उसे जाने दो)। गोस्वामी ने बताया कि जुबीन एक अनुभवी तैराक थे और उन्होंने खुद शर्मा और उन्हें तैराकी सिखाई थी। ऐसे में उनका डूबकर मरना बेहद संदिग्ध है। गोस्वामी ने कहा कि अगर जुबीन को डूबने से कुछ होता, तो वे खुद तैरकर बाहर निकल आते। यह मौत एक हादसा नहीं थी, उन्हें जहर दिया गया।


गवाह ने आगे कहा कि जब जुबीन के मुंह और नाक से झाग निकल रहा था, तब मैनेजर शर्मा ने इसे मामूली एसिड रिफ्लक्स बताकर सबको चिंता न करने को कहा। लेकिन किसी भी प्रकार की मेडिकल सहायता तत्काल नहीं मंगाई गई। गोस्वामी के अनुसार, यह देरी जानबूझकर की गई ताकि जुबीन की मृत्यु हो सके।


साजिश के लिए चुना गया सिंगापुर?

गोस्वामी ने यह भी आरोप लगाया कि यह पूरी साजिश पहले से रची गई थी और सिंगापुर को जानबूझकर इस हत्या के लिए चुना गया ताकि कानूनी प्रक्रिया और जांच को मुश्किल बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ शर्मा और श्यामकानु महांता ने इस हत्या को एक हादसे की तरह पेश करने की पूरी योजना बना रखी थी।


जांच एजेंसियों का बढ़ता शक

पूछताछ के दौरान शर्मा और महांता ने सभी आरोपों से इनकार किया है। लेकिन जांच एजेंसियों का कहना है कि गवाहों के बयान, वित्तीय लेनदेन और अन्य तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर सिद्धार्थ शर्मा की भूमिका पर गंभीर संदेह उत्पन्न हुआ है। जांचकर्ता अब पूरे मामले को आपराधिक साजिश और हत्या के रूप में देख रहे हैं और जांच तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है।