Newzfatafatlogo

अंकिता भंडारी हत्या मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला: बीजेपी नेता के बेटे को दोषी ठहराया गया

अंकिता भंडारी हत्या मामले में उत्तराखंड की अदालत ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें बीजेपी नेता के बेटे को दोषी ठहराया गया है। यह मामला न केवल न्याय की प्रतीक है, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए एक गंभीर सवाल भी उठाता है। अंकिता के परिवार ने दोषियों के लिए मृत्युदंड की मांग की है, जिससे यह मामला और भी संवेदनशील बन गया है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और समाज में उठे सवालों के बारे में।
 | 
अंकिता भंडारी हत्या मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला: बीजेपी नेता के बेटे को दोषी ठहराया गया

अंकिता भंडारी हत्या मामले का संक्षिप्त विवरण

अंकिता भंडारी हत्या मामला: कोर्ट ने बीजेपी नेता के बेटे को दोषी ठहराया, जानें पूरा मामला: अंकिता भंडारी की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। शुक्रवार को, उत्तराखंड की एक अदालत ने इस मामले में महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया।


अदालत ने वनतंत्र रिसॉर्ट के मालिक और निष्कासित बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य, साथ ही उनके दो सहयोगियों, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी ठहराया। 19 वर्षीय अंकिता, जो रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी, की 2022 में हत्या ने समाज में गुस्सा और दुख का माहौल बना दिया। यह फैसला न केवल अंकिता के परिवार के लिए, बल्कि समाज के लिए भी न्याय की एक किरण बनकर आया है।


अंकिता भंडारी का मामला क्या था?

सितंबर 2022 में, अंकिता भंडारी का शव ऋषिकेश के निकट चिल्ला नहर से बरामद हुआ। जांच में यह सामने आया कि पुलकित आर्य के साथ उसका विवाद हुआ था। आरोप है कि इस विवाद के बाद, पुलकित ने अपने दो सहयोगियों, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर अंकिता को नहर में धक्का दे दिया।


अदालत ने इस जघन्य अपराध को गंभीरता से लिया और तीनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने का इरादा), और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी पाया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी ने 19 मई को अंतिम दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया।


राजनीतिक संबंध और जनता का आक्रोश

अंकिता भंडारी हत्या मामले ने उत्तराखंड में भारी आक्रोश पैदा किया। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य एक पूर्व बीजेपी नेता रह चुके हैं, जिससे यह मामला राजनीतिक रूप से संवेदनशील हो गया। लोग सड़कों पर उतरकर न्याय की मांग करने लगे।


इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। SIT ने अपनी जांच में 500 पन्नों की चार्जशीट तैयार की और 47 गवाहों से पूछताछ की। इस ठोस जांच ने अदालत को दोषियों को सजा सुनाने में मदद की।


परिवार की मांग: मृत्युदंड

अंकिता की मां सोनी देवी का दिल टूट चुका है। उन्होंने अदालत से दोषियों के लिए मृत्युदंड की मांग की है। सोनी देवी का कहना है, “मेरी बेटी को बेरहमी से मारा गया। उसके हत्यारों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।” अंकिता के परिवार का दर्द हर उस इंसान को छू गया, जो इस मामले को सुन रहा है। समाज में यह सवाल उठ रहा है कि क्या इस तरह के अपराधों के लिए कड़ी सजा ही एकमात्र समाधान है?


न्याय की उम्मीद और समाज में बदलाव की आवश्यकता

अंकिता भंडारी हत्या मामले का यह फैसला न्याय की दिशा में एक कदम है। लेकिन यह मामला हमें सोचने पर मजबूर करता है कि कब तक मासूम लड़कियां इस तरह के अपराधों का शिकार होती रहेंगी? समाज को जागरूक होने की आवश्यकता है।


महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। अदालत का यह फैसला न केवल अंकिता के परिवार को राहत देगा, बल्कि उन सभी लोगों को उम्मीद देगा जो न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं।