अंकिता भंडारी हत्या मामले में तीन दोषियों को मिली आजीवन कारावास की सजा

उत्तराखंड में अंकिता भंडारी की हत्या का मामला
उत्तराखंड के ऋषिकेश के निकट स्थित एक रिसॉर्ट में काम करने वाली अंकिता भंडारी की हत्या ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया। यह घटना 18 सितंबर 2022 की रात को हुई थी। हाल ही में, कोटद्वार के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने तीनों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में तीन साल के भीतर सख्त सजा मिलने ने पुलिस की निष्पक्ष जांच और सरकारी वकील की प्रभावी पैरवी को साबित किया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 24 सितंबर को महिला आईपीएस अधिकारी पी रेणुका देवी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। पुलिस ने 24 घंटे के भीतर ही तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और सबूत इकट्ठा कर लिए। SIT ने गहन जांच के बाद 500 पन्नों की चार्जशीट तैयार की, जिसमें 100 से अधिक गवाहों के बयान शामिल थे।
परिजनों को सहायता और नौकरी
मुख्यमंत्री धामी ने अंकिता भंडारी के परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। इसके साथ ही, अंकिता के पिता और भाई को सरकारी नौकरी देकर परिवार को सहारा दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट की संतोषजनक जांच
सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार की जांच प्रक्रिया को संतोषजनक माना है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अंकिता को न्याय दिलाने में सरकार ने कोई कमी नहीं छोड़ी। इस मामले में बेटियों की सुरक्षा से संबंधित सभी पहलुओं पर सरकार की निष्पक्षता और सतर्कता का प्रदर्शन हुआ।
सरकार की प्रतिबद्धता
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि यदि आवश्यकता पड़ी, तो इस मामले में आगे भी मजबूत पैरवी की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अंकिता को न्याय दिलाना सरकार का संकल्प था, और इसीलिए उनके परिजनों के साथ मिलकर कोर्ट में प्रभावी पैरवी की गई, जिससे तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा मिल सकी।