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अंकिता भंडारी हत्या मामले में न्याय की जीत, तीनों आरोपियों को उम्रकैद

उत्तराखंड के अंकिता भंडारी हत्या मामले में 32 महीने की कानूनी लड़ाई के बाद न्याय की जीत हुई है। तीनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यह मामला 18 सितंबर 2022 को अंकिता की हत्या के बाद सुर्खियों में आया था। अदालत ने 97 गवाहों के बयानों के आधार पर फैसला सुनाया। जानें इस जघन्य हत्या की पूरी कहानी और इसके पीछे के कारण।
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अंकिता भंडारी हत्या मामले में न्याय की जीत, तीनों आरोपियों को उम्रकैद

अंकिता भंडारी हत्या मामले का फैसला

अंकिता भंडारी हत्या मामला: उत्तराखंड में हुए अंकिता भंडारी के हत्याकांड में 32 महीने की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद न्याय की स्थापना हुई है। कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी ने शुक्रवार, 30 मई 2025 को तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। यह जघन्य हत्या 18 सितंबर 2022 को हुई थी, जब 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की हत्या कर उनका शव चीला नहर में फेंक दिया गया था। इस फैसले के बाद अंकिता के माता-पिता ने भावुक बयान देते हुए आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग की।

अंकिता भंडारी हत्या मामले में न्याय की जीत, तीनों आरोपियों को उम्रकैद

32 महीने की सुनवाई के बाद आया फैसला

अंकिता भंडारी पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थीं। उनकी हत्या के बाद यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया। अभियोजन पक्ष ने 97 गवाहों को पेश किया, जिनमें से 47 ने अदालत में गवाही दी। लगभग दो साल आठ महीने (32 महीने) तक चली सुनवाई के दौरान, जांच अधिकारी और अन्य गवाहों के बयानों के आधार पर अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी ठहराया। पुलकित आर्य, जो रिजॉर्ट का मालिक है, पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना), 354ए (छेड़छाड़) और अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत आरोप सिद्ध हुए। सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भी हत्या और साक्ष्य मिटाने के आरोपों में दोषी पाया गया।