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अंडमान और निकोबार में ईडी की ऐतिहासिक छापेमारी: लोन घोटाले का पर्दाफाश

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पहली बार लोन घोटाले से संबंधित छापेमारी की है। यह कार्रवाई 200 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच के तहत की गई, जिसमें अंडमान निकोबार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक की भूमिका संदिग्ध है। ईडी ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जब्त किया है, जो वित्तीय अनियमितताओं की ओर इशारा करते हैं। जांच में शेल कंपनियों के माध्यम से लोन के दुरुपयोग का भी खुलासा हुआ है। इस छापेमारी से यह स्पष्ट होता है कि एजेंसी अब दूरदराज के क्षेत्रों में भी आर्थिक अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।
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अंडमान और निकोबार में ईडी की ऐतिहासिक छापेमारी: लोन घोटाले का पर्दाफाश

ईडी की पहली बार अंडमान निकोबार में छापेमारी

ईडी की ऐतिहासिक कार्रवाई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पहली बार छापेमारी की है, जो कि 200 करोड़ रुपये के लोन घोटाले से संबंधित है। इस मामले में अंडमान निकोबार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक (ANSCB) की संलिप्तता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। बुधवार को, ईडी की टीमों ने पोर्ट ब्लेयर के आसपास नौ स्थानों और कोलकाता में दो ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया।


लोन में अनियमितताओं का खुलासा

जांच के दौरान, ईडी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं, जो बैंक द्वारा लोन और ओवरड्राफ्ट सुविधाओं में गंभीर अनियमितताओं की ओर इशारा करते हैं। ईडी के अधिकारियों का कहना है कि यह छापेमारी वित्तीय अनियमितताओं की गहराई में जाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।


शेल कंपनियों के माध्यम से लोन का दुरुपयोग

शेल कंपनियों का जाल: प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि बैंक के नियमों का उल्लंघन करते हुए कई शेल कंपनियों को फर्जी तरीके से लोन दिए गए। इन कंपनियों की संख्या लगभग 15 है, जिन्हें केवल फंड ट्रांसफर के लिए स्थापित किया गया था।


कोलकाता और पोर्ट ब्लेयर में महत्वपूर्ण सबूत

सुरागों की खोज: कोलकाता और पोर्ट ब्लेयर में की गई तलाशी में ईडी को ऐसे दस्तावेज मिले हैं जो इस घोटाले की गुत्थी सुलझाने में मदद कर सकते हैं। एजेंसी का मानना है कि इस मामले में बैंक के कई अधिकारी और निजी व्यक्ति भी शामिल हो सकते हैं।


अंडमान पुलिस की FIR के बाद ईडी की कार्रवाई

जांच की शुरुआत: ईडी ने इस घोटाले की जांच तब शुरू की जब अंडमान निकोबार पुलिस की क्राइम एंड इकोनॉमिक ऑफेंसेज विंग ने कई निजी व्यक्तियों और बैंक अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। इसी आधार पर, ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच शुरू की और कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।


ईडी की सक्रियता में वृद्धि

सख्त रुख: प्रवर्तन निदेशालय की यह छापेमारी यह दर्शाती है कि अब देश के दूरदराज क्षेत्रों में भी आर्थिक अपराधों के खिलाफ एजेंसी का रुख सख्त हो रहा है। अंडमान और निकोबार जैसे क्षेत्रों में पहली बार की गई यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और आर्थिक अपराधों पर नियंत्रण पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।