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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025: उत्तराखंड का योग और आयुर्वेद में वैश्विक योगदान

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने राज्य की योग और आयुर्वेद की समृद्ध परंपरा को उजागर किया और इसे वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस कार्यक्रम में विदेशी राजदूतों की उपस्थिति ने राज्य के वेलनेस क्षेत्र में आगे बढ़ने के प्रयासों को समर्थन दिया। जानें कैसे उत्तराखंड योग और आयुर्वेद का एक प्रमुख केंद्र बन रहा है।
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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025: उत्तराखंड का योग और आयुर्वेद में वैश्विक योगदान

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का भव्य आयोजन

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को भराड़ीसैंण, गैरसैंण में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित एक भव्य समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने विदेशी राजदूतों और प्रमुख योगाचार्यों का स्वागत किया और उन्हें उत्तराखंडी टोपी और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।


योग का वैश्विक केंद्र बनता उत्तराखंड

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि उत्तराखंड योग और आयुष का एक वैश्विक केंद्र बनता जा रहा है। उन्होंने मेक्सिको, फिजी, नेपाल, सूरीनाम, मंगोलिया, लातविया, श्रीलंका और रूस के राजदूतों का स्वागत करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मान्यता दी, जिससे योग को विश्व स्तर पर एक नई पहचान मिली।


उत्तराखंड की प्राकृतिक विशेषताएँ

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड का शुद्ध वातावरण, हिमालयी क्षेत्र और आध्यात्मिक दृष्टिकोण योग और आयुर्वेद के लिए अत्यंत उपयुक्त हैं। उन्होंने बताया कि इस राज्य में लोग वेलनेस और योग के लिए आते हैं और भविष्य में यह एक वैश्विक वेलनेस डेस्टिनेशन बनेगा।


आयुर्वेद और जैव विविधता का महत्व

मुख्यमंत्री ने राज्य की जैव विविधता और आयुर्वेद के महत्व को भी उजागर किया। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में औषधीय पौधों की कई दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती हैं, जैसे कुटकी, जटामांसी और तिमूर। इसके साथ ही उन्होंने आयुर्वेदिक संस्थानों का जिक्र किया, जो 100 वर्षों से अधिक पुराने हैं और जिनसे आयुर्वेद का ज्ञान पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, 'हमारी संस्कृति में योग और आयुर्वेद गहराई से समाहित है, और अब हम इसे एक वैश्विक स्तर पर पेश कर रहे हैं।'


सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन

कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर भी प्रदर्शित की गई, जिसमें नंदा देवी राज जात के साथ-साथ विभिन्न लोक नृत्य जैसे झोड़ा-छपेली और नाटी ने कार्यक्रम में एक रंगीन और सांस्कृतिक माहौल बना दिया।


विदेशी राजनयिकों की उपस्थिति

इस दौरान भारत में मेक्सिको के राजदूत, फिजी के उच्चायोग के उच्चायुक्त, नेपाल के राजदूत, रूस के दूतावास के प्रतिनिधि और कई अन्य विदेशी राजनयिक भी मौजूद थे। सभी ने इस कार्यक्रम की सराहना की और राज्य के योग, आयुर्वेद और वेलनेस के क्षेत्र में आगे बढ़ने के प्रयासों को समर्थन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में आयुर्वेद, योग और पंचकर्म के क्षेत्र में प्रशिक्षित मानव संसाधन की कोई कमी नहीं है और राज्य के पारंपरिक सुपर फूड्स जैसे मंडुवा, झंगोरा, भट्ट और किलमोडा का वैश्विक स्तर पर व्यापार और प्रचार किया जा सकता है.