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अंबाजी महामेला: सुरक्षा के कड़े इंतजाम और तकनीकी उपाय

गुजरात के अंबाजी में भाद्रपद पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होने वाले महामेला की तैयारियां जोरों पर हैं। 12 से 18 सितंबर तक चलने वाले इस मेले में लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। सुरक्षा के लिए 5000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है, जिसमें तकनीकी उपायों और महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। जानिए इस मेले में सुरक्षा के लिए क्या-क्या इंतजाम किए गए हैं।
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महामेला की तैयारियां

गुजरात के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक अंबाजी में भाद्रपद पूर्णिमा के अवसर पर महामेला आयोजित होने जा रहा है। यह मेला 12 से 18 सितंबर तक चलेगा, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए, बनासकांठा जिला पुलिस ने सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक और कड़े इंतजाम किए हैं।


इस बार की सुरक्षा व्यवस्था में पारंपरिक उपायों के साथ-साथ तकनीकी साधनों और महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है।


सुरक्षा के तीन स्तर: जमीन, आसमान और भीड़ के बीच।


घोड़ों पर सवार पुलिसकर्मी: मेले की संकरी गलियों और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में जहां पुलिस की गाड़ियां नहीं पहुंच सकतीं, वहां घोड़ों पर सवार पुलिसकर्मी गश्त करेंगे। यह न केवल प्रभावी है, बल्कि अपराधियों में डर पैदा करने का एक पुराना तरीका भी है।


CCTV और ड्रोन की निगरानी: पूरे मेले के क्षेत्र, मंदिर परिसर और पार्किंग को CCTV कैमरों से कवर किया गया है। इनकी लाइव फुटेज की निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जहां पुलिसकर्मी 24 घंटे गतिविधियों पर नजर रखेंगे। इसके अलावा, ड्रोन कैमरों से भी आसमान से भीड़ पर नजर रखी जाएगी।


महिला सुरक्षा के लिए 'SHE Teams': मेले में आने वाली महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 'SHE Teams' तैनात की गई हैं। ये महिला पुलिसकर्मियों की विशेष टीमें हैं जो सादे कपड़ों में भीड़ में मौजूद रहेंगी। इनका मुख्य कार्य महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार को रोकना है।


5000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती: इस सात दिवसीय मेले के लिए 5,000 से अधिक पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को तैनात किया गया है। इसमें डीएसपी, पुलिस इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर और कांस्टेबल शामिल हैं। पूरे मेले के क्षेत्र को विभिन्न सेक्टरों और जोनों में बांटा गया है, ताकि हर कोने पर निगरानी रखी जा सके। साथ ही, किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए ट्रैफिक पुलिस, बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वाड की टीमें भी तैनात रहेंगी।