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अंबाला में जिला टास्क फोर्स ने चार बच्चों को रेस्क्यू किया

अंबाला में जिला टास्क फोर्स ने एक विशेष अभियान के तहत चार बच्चों को बाल श्रम और भिक्षावृत्ति से मुक्त कराया। इस कार्रवाई में विभिन्न सरकारी विभागों ने सहयोग किया। बच्चों को शेल्टर होम भेजा गया है, और उनके माता-पिता का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। जानें इस अभियान की पूरी जानकारी और बच्चों के अधिकारों के बारे में।
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अंबाला में जिला टास्क फोर्स ने चार बच्चों को रेस्क्यू किया

अंबाला में बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष अभियान


अंबाला। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला युवा विकास संगठन, बाल कल्याण समिति, और अन्य संबंधित विभागों ने मिलकर एक विशेष अभियान चलाया। इस अभियान के तहत चार बच्चों को बाल श्रम और भिक्षावृत्ति से मुक्त कराया गया। जिला उपायुक्त ने बाल श्रम से संबंधित मामलों के लिए जिला टास्क फोर्स (डीटीएफ) का गठन किया है।


अंबाला में बाल श्रम की शिकायतें बढ़ रही थीं, जिसके चलते श्रम विभाग ने डीटीएफ के साथ मिलकर कार्रवाई की। सदर बाजार, अंबाला कैंट में एक बच्चे को बाल श्रम से मुक्त किया गया, जबकि तीन अन्य बच्चों को भिक्षावृत्ति से बचाया गया।


डीटीएफ की टीम ने निरीक्षण के दौरान एक 15 वर्षीय बच्चे को किराना स्टोर पर काम करते हुए पाया। तत्परता से कार्रवाई करते हुए बच्चे को बाल श्रम से मुक्त कर लिया गया। इसी दौरान चार छोटे बच्चे भिक्षावृत्ति करते हुए भी मिले।


इन बच्चों को भी रेस्क्यू कर लिया गया। सभी बच्चों को सदर पुलिस स्टेशन में डीडीआर दर्ज करवाई गई और फिर सिविल अस्पताल में मेडिकल जांच कराई गई। बाद में उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया।


भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों के माता-पिता ने बताया कि वे शंभू, जिला पटियाला के निवासी हैं और पिछले कुछ महीनों से अंबाला कैंट में बच्चों से भीख मंगवा रहे हैं। बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया।


बच्चों को शेल्टर होम में भेजा गया

बाल कल्याण समिति ने बच्चों को अस्थाई आश्रय के लिए शेल्टर होम, अंबाला छावनी भेज दिया। जिला युवा विकास संगठन और अन्य टीमें बच्चों से संवाद कर उनके माता-पिता का पता लगाने का प्रयास करेंगी।


जिला युवा विकास संगठन के समन्वयक अजय तिवारी ने बताया कि बच्चों से मजदूरी कराना और उन्हें शिक्षा से वंचित रखना भारतीय कानून के तहत गंभीर अपराध है।


हर बच्चे का शिक्षा, सुरक्षा और सम्मानपूर्ण जीवन जीने का मौलिक अधिकार है। यदि किसी बच्चे से मजदूरी कराई जा रही हो या वह शोषण का शिकार हो रहा हो, तो इसकी सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 या स्थानीय पुलिस को दी जानी चाहिए।


इस अभियान में डीएलएसए, एएचटीयू, स्टेट क्राइम ब्रांच और जिला युवा विकास संगठन के सदस्य शामिल थे।