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अंबाला में बाल विवाह और मानव तस्करी के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम

अंबाला में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बाल विवाह और मानव तस्करी के खिलाफ स्वास्थ्य कर्मचारियों को कानूनी जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को संवेदनशील बनाना और उन्हें बाल संरक्षण से संबंधित मुद्दों पर जागरूक करना था। ज़िला युवा विकास संगठन ने बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के बारे में जानकारी साझा की और बताया कि कैसे बाल विवाह को रोका जा सकता है। कार्यक्रम में लगभग 50 आशा वर्करों ने भाग लिया और महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।
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अंबाला में बाल विवाह और मानव तस्करी के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम

जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

(Ambala News) अंबाला। आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अंबाला और ज़िला युवा विकास संगठन ने मिलकर गांव माजरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों, जैसे डॉक्टरों, नर्सों और आशा वर्करों को बाल संरक्षण से संबंधित मुद्दों, विशेषकर बाल विवाह और मानव तस्करी के प्रति संवेदनशील बनाना और कानूनी जानकारी प्रदान करना था। यह सभी जागरूकता कार्यक्रम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अंबाला के CJM माननीय श्री प्रवीण जी के मार्गदर्शन में आयोजित किए जा रहे हैं।


बाल विवाह और मानव तस्करी पर जानकारी

अंबाला में बाल विवाह और मानव तस्करी के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम

बाल विवाह को रोकने के उपाय

कार्यक्रम में ज़िला युवा विकास संगठन की टीम ने "बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006" के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की। इस अधिनियम के अनुसार, लड़कियों की न्यूनतम विवाह आयु 18 वर्ष और लड़कों की 21 वर्ष निर्धारित की गई है। इससे कम उम्र में विवाह करना कानूनन अपराध है। इस कानून के तहत केवल विवाह कराने वाले माता-पिता ही नहीं, बल्कि पुरोहित, मध्यस्थ और सहयोगी सभी व्यक्ति भी दंडनीय अपराध की श्रेणी में आते हैं। बाल विवाह को रोका जा सकता है और पीड़ित को विवाह निरस्त करवाने का कानूनी अधिकार भी प्राप्त है।


जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य

ज़िला युवा विकास संगठन के समन्वयक श्री अजय तिवारी ने बताया कि संगठन का निरंतर प्रयास है कि ज़िला अंबाला को बाल विवाह मुक्त बनाया जा सके। इसके लिए जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सहयोग से ग्राम स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

इसके अलावा, मानव तस्करी पर भी जागरूकता दी गई। बताया गया कि बच्चों की तस्करी एक संगठित अपराध है, जिसके माध्यम से बच्चों को जबरन मजदूरी, भिक्षावृत्ति, यौन शोषण और घरेलू कामों में लगाया जाता है। तस्करी से जुड़ी धाराओं, रिपोर्टिंग प्रणाली, और चाइल्डलाइन 1098 जैसे हेल्पलाइन नंबर की जानकारी प्रतिभागियों को दी गई। इस कार्यक्रम में PHC माजरी से डॉ. शगुन, आशा वर्कर माजरी से सुशीला, बाबा हेड़ी से अमनिंदर कौर, थारवा से चंद्र रानी, एवं ZYVS टीम से श्री हकम सिंह और श्री हरविंदर सिंह उपस्थित रहे। लगभग 50 आशा वर्करों ने कार्यक्रम में भाग लिया और बाल सुरक्षा संबंधी जानकारी प्राप्त की।