अकाली दल का 10 नवंबर को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का ऐलान
अकाली दल का केंद्रीय नियंत्रण के खिलाफ विरोध
अकाली दल किसी भी स्थिति में पीयू को केंद्रीय नियंत्रण में लेने की योजना को सफल नहीं होने देगा।
चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब यूनिवर्सिटी के मूल स्वरूप में बदलाव की मांग करने वाले केंद्र के नोटिफिकेशन के खिलाफ 10 नवंबर को संयुक्त विरोध का समर्थन करने का निर्णय लिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता परमबंस सिंह रोमाणा ने कहा कि यह अधिसूचना ग्रेजुएट कांस्टयूएंसी को समाप्त करने और पंजाब की पकड़ को कमजोर करने का प्रयास है।
रोमाणा ने इसे राज्य की पहचान पर हमला बताते हुए कहा कि यह पंजाब की आवाज को दबाने का भी प्रयास है।
सुखबीर बादल का विश्वविद्यालय दौरा
छात्र नेताओं ने अकाली दल से इस अधिसूचना के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करने का आग्रह किया। रोमाणा ने बताया कि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल भी विश्वविद्यालय का दौरा करेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि यूथ अकाली दल और भारतीय छात्र संगठन के युवा कार्यकर्ता इस मुद्दे पर आंदोलनकारी छात्रों का समर्थन करेंगे।
नियुक्तियों में एक एजेंडा
रोमाणा ने कहा कि सभी प्रोफेसरों और प्रिंसिपलों की नियुक्तियां एक विशेष एजेंडे के तहत की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब के 200 से अधिक कॉलेजों में छात्रों को क्या पढ़ाया जाएगा, यह भी भाजपा-आरएसएस द्वारा तय किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र पंजाब के अधिकारों को छीनने का प्रयास कर रहा है। रोमाणा ने कहा कि केंद्र सरकार ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में राजस्थान और हिमाचल प्रदेश से दो पूर्णकालिक सदस्यों को नियुक्त करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि अब सिंडिकेट चुनाव समाप्त करके और सीनेट को मनोनीत सदस्यों के निकाय में बदलकर केंद्र ने पंजाब यूनिवर्सिटी पर सीधा नियंत्रण कर लिया है। रोमाणा ने पंजाब यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को विवादास्पद आदेश को वापस लेने के लिए दबाव बनाने के लिए यूथ अकाली दल के नेताओं को बधाई दी।
