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अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर किया तीखा हमला

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपनी गाड़ी पर 8 लाख रुपये का चालान लगाने, शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर संदेह जताया। इसके अलावा, उन्होंने पुराने विवादों का जिक्र करते हुए सरकार की कार्यशैली पर भी कड़ी टिप्पणी की। जानें इस मुद्दे पर उनका क्या कहना है और उनकी चिंताएं क्या हैं।
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अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर किया तीखा हमला

समाजवादी पार्टी का आरोप

UP News: समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने बताया कि उनकी गाड़ी पर 8 लाख रुपये का चालान लगाया गया है, जिस पर उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लिया। अखिलेश ने कहा, "कल मुझे मेरी गाड़ी का चालान मिला। जब मैंने चालान भरा तो पता चला कि पूरे काफिले के लिए 8 लाख रुपये का चालान है। जो सीसीटीवी कैमरा चला रहा है, वह बीजेपी का आदमी होगा।"


शिक्षा पर सरकार का हमला

उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह शिक्षा और छात्रों के भविष्य को नष्ट कर रही है। सपा प्रमुख ने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि लोग पढ़ाई करें और सवाल उठाएं, इसलिए शिक्षा को कमजोर किया जा रहा है।


पुराने विवादों की याद

टोंटी चोरी का आरोप कभी नहीं भूल सकता

अखिलेश यादव ने एक पुरानी घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जब वह मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकले थे, तब कुछ अधिकारियों ने उन पर 'टोंटी चोरी' का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा, "आप मुझ पर टोंटी चोरी का आरोप लगाकर सीएम आवास को गंगाजल से धुलवाएंगे, यह मैं नहीं भूल सकता। यह अवनीश अवस्थी और अभिषेक कौशिक का खेल था।"


चुनाव आयोग पर सवाल

अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कुंदरकी में सत्ताधारी दल को 77 प्रतिशत वोट मिलने पर कहा, "चुनाव आयोग अब जुगाड़ आयोग बन गया है। अगर चुनाव आयोग ही विपक्ष को धोखा दे, तो हम क्या कर सकते हैं?" उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग बीजेपी को ऐसा कोड देता है, जिससे उन्हें घर बैठे वोट मिल जाते हैं।


शिक्षा और मज़दूरों की चिंता

शिक्षा और मज़दूरों के लिए चिंता

अखिलेश ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) पर तंज करते हुए कहा कि इसका मतलब अब 'अखिल भारतीय वीडियो ऑफ़ पिटाई' हो गया है। उन्होंने बिना मान्यता वाले शैक्षणिक संस्थानों पर भी सवाल उठाए, जो बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। इसके साथ ही, उन्होंने बीड़ी बनाने वाले मज़दूरों के लिए विशेष सहायता की मांग की और जीएसटी को मुनाफाखोरी से जोड़ा।